राष्ट्रपति चुनाव में 99 फीसद से ज्यादा मतदान, क्रास वोटिंग भी जोरदार, द्रौपदी मुर्मू की जीत के आसार

राष्ट्रपति चुनाव में 99 फीसद से ज्यादा मतदान, क्रास वोटिंग भी जोरदार, द्रौपदी मुर्मू की जीत के आसार
  •  रविवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई। 4796 विधायकों व सांसदों में से 99 फीसद से अधिक ने नया राष्ट्रपति चुनने के लिए अपने मताधिकार का उपयोग किया।

नई दिल्ली। देश के 15वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव में सांसदों-विधायकों ने सोमवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतदाता सूची में शामिल 4,796 सांसदों एवं विधायकों में से 98.9 प्रतिशत ने वोट डाले। इस झमाझम मतदान के बाद राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का भारी अंतर से जीत के साथ अगला राष्ट्रपति बनना तय हो गया है। कई राज्यों में जिस तरह से पार्टीलाइन से हटकर विपक्षी दलों के विधायकों द्वारा मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की बातें सामने आई हैं, उनसे स्पष्ट है कि विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा दौड़ में कहीं नहीं टिक रहे हैं। मंगलवार तक मत पेटियां संसद भवन के स्ट्रांग रूप में पहुंच जाएंगी। 21 जुलाई को मतगणना होगी।

बड़ी बातें

  •  10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुआ 100 प्रतिशत मतदान
  • आठ सांसद रहे अनुपस्थित, इनमें दो भाजपा और एक-एक कांग्रेस, सपा, बसपा, शिवसेना, द्रमुक और एआइएमआइएम के
  • 44 सांसदों ने संसद भवन की जगह संबंधित राज्य विधानसभाओं में किया मतदान
  • कोविड संक्रमित वित्त मंत्री सीतारमण ने पीपीई किट पहनकर किया मतदान

16वां राष्ट्रपति चुनाव, 15वीं राष्ट्रपति

उल्लेखनीय है कि यह देश का 16वां राष्ट्रपति चुनाव है। डा. राजेंद्र प्रसाद दो बार पद पर रहे थे, इसलिए जीत के बाद व्यक्ति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बनेंगी। संसद भवन परिसर में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान हुआ।

शुरुआत में दिग्‍गजों ने डाला वोट

शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सत्तापक्ष के तमाम दिग्गजों ने वोट डाला। कोविड संक्रमित वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीपीई किट पहनकर मतदान किया।

कई राज्यों से मुर्मू के पक्ष में क्रास वोटिंग के दावे

वैसे तो राष्ट्रपति चुनाव में गोपनीय मतदान प्रक्रिया अपनाई जाती है, लेकिन मतदान के तुरंत बाद से कई राज्यों से मुर्मू के पक्ष में क्रास वोटिंग के दावे सामने आने लगे थे। असम से आइयूडीएफ विधायक करीमुद्दीन ने दावा किया कि राज्य के करीब 20 कांग्रेस विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया।

शिवपाल बोले- यशवंत सिन्हा मेरी पसंद नहीं

उत्तर प्रदेश से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भी कहा कि वह यशवंत सिन्हा को कभी वोट नहीं दे सकते हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले हरियाणा से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि राज्यसभा की तरह उन्होंने इस बार भी अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया है।

अंतरात्मा की आवाज पर डाला वोट

ओडिशा से कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकीम ने कहा कि उन्होंने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है, क्योंकि वह ओडिशा की बेटी हैं। झारखंड से राकांपा के कमलेश सिंह ने भी मुर्मू के पक्ष में वोट डालने की बात कही। झारखंड से भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने दावा किया कि राज्य से कम से कम 65 विधायकों का वोट मुर्मू को मिलेगा, क्योंकि कई कांग्रेस विधायकों ने अपने अंतरात्मा की आवाज पर मुर्मू के पक्ष में वोट डाला होगा।

राकांपा विधायक ने मुर्मू को डाला वोट

गुजरात से राकांपा विधायक कंधाल जडेजा ने भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट की बात कही। विपक्षी खेमे की शिवसेना और झामुमो ने पहले ही भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का एलान कर दिया था।

एनडीए का पलड़ा भारी

स्पष्ट है कि विपक्षी खेमे के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के लिए पिछले चुनाव में विपक्षी प्रत्याशी को मिले मत के बराबर मत पाना भी मुश्किल है। 2017 में राजग प्रत्याशी राम नाथ कोविन्द को 7.02 लाख और विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार को 3.67 लाख वोट मिले थे। इस बार भी राजग प्रत्याशी को सात लाख से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद है।

व्हील चेयर पर पहुंचे मनमोहन सिंह

विपक्षी खेमे के दिग्गज भी चुनाव नतीजे की परवाह किए बिना जोश में मतदान कर बाहर निकलते दिखाई दिए। पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व्हील चेयर पर विशेष रूप से मतदान करने पहुंचे।

अकेले वोट डालने पहुंचे मनीष तिवारी

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, डेरेक ओ ब्रायन, टीआर बालू आदि ने भी उत्साह के साथ वोट डाला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोपहर करीब तीन बजे जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी और डीके सुरेश के साथ वोट डालने पहुंचीं। इसके तुरंत बाद कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी अकेले वोट डालने पहुंचे।

बिरला ने आखिर में डाला वोट

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मतदान खत्म होने से कुछ मिनट पहले अपने मताधिकार का प्रयोग किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और वन, पर्यावरण एवं श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव मतदान के दौरान लगातार चौकस दिखे और यह सुनिश्चित करने में जुटे रहे कि सत्ताधारी पक्ष के सांसद निरंतर अपना वोट डालते रहें।

नौ विधायकों ने संसद में किया मतदान

विधायक अनंत कुमार सिंह और महेंद्र हरि दल्वी सदस्यता गंवाने के चलते वोट करने के लिए अयोग्य ठहराए गए। इसके अलावा राज्यसभा में छह और राज्यों की विधानसभाओं में छह सीटें खाली हैं। वर्तमान 771 सांसदों में से अधिकांश ने संसद भवन परिसर में अपना वोट डाला।

आठ सांसद गैरहाजिर रहे

44 सांसद ऐसे भी रहे जिन्होंने पूर्व अनुमति लेकर राज्य विधानसभाओं में अपने मताधिकार का उपयोग किया। 727 सांसदों और नौ विधायकों ने संसद भवन में वोटिंग के लिए अनुमति ली थी जिनमें से आठ सांसद गैरहाजिर रहे।

ये सांसद रहे अनुपस्थित

अनुपस्थित सांसदों में सनी देओल (भाजपा), संजय धोत्रे (भाजपा), गजानन कीर्तिकर (शिवसेना), अतुल सिंह (बसपा), इम्तियाज जलील (एआइएमआइएम), मोहम्मद सादिक (कांग्रेस), शफीकुर रहमान बर्क (सपा), टीआर पारिवेंदर (द्रमुक) शामिल हैं। छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु में 100 प्रतिशत मतदान हुआ।

कोविड के कारण विशेष इंतजाम

कोविड संक्रमण को देखते हुए मतदान के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। तमिलनाडु में दो कोविड संक्रमित विधायकों ने विधानसभा में वो¨टग के आखिरी समय में अपना मत डाला। केरल के एक कोविड संक्रमित सांसद ने तिरुअनंतपुरम में अपने मताधिकार का उपयोग किया।