CKP बैंक के 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ताओं को मिलेगा पूरा पैसा: RBI

CKP बैंक के 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ताओं को मिलेगा पूरा पैसा: RBI

मुंबई
रिजर्व बैंक ने रविवार को कहा कि बंद किये गये सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक के 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ताओं को उनका पूरा पैसा ‘जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (DICGC) से मिल जाएगा। रिजर्व बैंक ने सीकेपी बैंक का लाइसेंस शनिवार को रद्द कर दिया। केंद्रीय बैंक के इस स्पष्टीकरण से सीकेपी बैंक के 1.32 लाख जमाकर्ताओं की आशंकाएं दूर होने की उम्मीद है।

आरबीआई के संचार विभाग के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने ट्वीट किया, ‘बैंक के 1,32,170 जमाकर्ताओं में से लगभग 99.2 प्रतिशत को डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि का पूरा भुगतान मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि बैंक ने 2014 से ही अपनी गतिविधियों को बंद कर दिया था।

क्यों उठाया यह कदम

  • क्यों उठाया यह कदम

    सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए आरबीआई ने कहा,’ इस बैंक की वित्तीय हालत बेहद खराब है। इस बैंक का किसी अन्य बैंक के साथ विलय का अभी तक कोई ठोस प्लान सामने नहीं आया है। प्रबंधन ने बैंक की हालत पटरी पर लाने के प्रति कोई विश्वसनीय प्रतिबद्धता नहीं जताई है।’
  • जमाकर्ता को मिलेंगे अधिकतम 5 लाख

    बैंक का लाइसेंस रद्द करने और इसकी संपत्तियों को बेचने की घोषणा करने के साथ ही DICGC ऐक्ट, 1961 के मुताबिक, सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रत्येक जमाकर्ता को डिपॉजिट इंश्योरेंस तथा क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के मुताबिक, अधिकतम 5 लाख रुपये की रकम अदा की जाएगी।
  • बैंक प्रबंधन ने ग्राहकों से किया धोखा

    आरबीआई ने कहा, ‘बैंक की गतिविधियां सार्वजनिक हितों तथा जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल रही हैं और मैनेजमेंट का कामकाज भी सार्वजनिक हितों तथा जमाकर्ताओं के हितों के प्रति नुकसानदेह रहा है।’
  • वित्तीय हालत बेहद बदतर

    केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक की वित्तीय हालत बेहद बदतर हो गई है और इसका चल पाना मुश्किल है। इस बैंक का किसी और बैंक के साथ विलय का कोई ठोस प्लान नहीं दिया गया। बैंक को पटरी पर लाने के लिए कोई विश्वसनीय प्रतिबद्धता भी नहीं जताई गई है।
  • इसलिए लाइसेंस किया रद्द

    आरबीआई ने कहा कि बैंक को पटरी पर लाने का प्रयास जितना होना चाहिए, उसके आसपास भी नहीं है, जबकि बैंक को काफी वक्त और मौका दिया गया। बैंक से विलय का कोई भी प्रस्ताव सामने नहीं आया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसलिए अगर बैंक को आगे भी कामकाज चालू रखने की मंजूरी दी जाती तो इसके ग्राहकों के हितों को और नुकसान होता। अगर बैंक बंद होता है तो डीआईसीजीसी के मुताबिक इसके प्रत्येक ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपये मिलेगा।
  • बैंक की वेबसाइट पर विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट-1

  • लिस्ट-2

  • लिस्ट-3

उन्होंने कहा कि चूंकि इसे उबारने की कोई गुंजाइश नहीं थी, इसका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया गया। सीकेपी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, उसके पास 485.56 करोड़ रुपये का कुल जमा, 161.17 करोड़ रुपये के ऋण और 239.18 करोड़ रुपये का नकारात्मक नेटवर्थ है