कॉलेज की 100 से ज्यादा लड़कियों से गैंगरेप, एक को छोड़ने के लिए रखते थे दूसरी लाने की शर्त; 32 साल बाद आया फैसला

अजमेर: जिले में हुए देश के बहुचर्चित नग्न चित्र ब्लैकमेल कांड में आज कोर्ट का फैसला आया। इस केस में 32 साल के बाद आए फैसले के तहत कोर्ट ने बाकी बचे सात में से छह आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। बता दें कि ब्लैकमेल कांड में शामिल आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन हैं। इन सभी आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
एक लड़की को छोड़ने के लिए रखते थे दूसरी लाने की शर्त
दरअसल, आरोपियों ने पहले एक लड़की को अपने चंगुल में फंसाया। इसके बाद पहली लड़की को छोड़ने के बदले उसके सामने दूसरी लड़की लाने की शर्त रखते थे। इस तरह एक के बाद एक 100 से ज्यादा कॉलेज की लड़कियों के साथ आरोपियों ने गैंगरेप किया। गैंगरेप के दौरान आरोपी लड़कियों की नग्न फोटो खींच लेते थे। इसी दौरान एक कलर लैब से कई लड़कियों की नग्न फोटो शहर भर में फैल गई। बता दें कि ये कहानी करीब 32 साल पुराने मामले की है, जिस पर आज कोर्ट का फैसला आया।
‘अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड’
इस पूरे मामले में 18 आरोपी थे, जिनमें से 9 को सजा हो चुकी है। नफीस चिश्ती, सलीम चिश्ती, सोहेल गनी, जमीर हुसैन, इकबाल भाटी और टार्जन को लेकर आज फैसला आया है। अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस पूरे स्कैंडल को 32 साल पहले ‘अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड’ नाम दिया गया था। इस मामले में अनवर चिश्ती, फारूख चिश्ती, परवेज अंसारी, मोइनुल्ला उर्फ पुत्तन इलाहाबादी, इशरत उर्फ लल्ली, कैलाश सोनी, महेश लुधानी, शमशु चिश्ती उर्फ मेंराडोना व टार्जन को गिरफ्तार किया गया था।