कर्नाटक, केरल में दिखा रमजान का चांद, शुक्रवार से शुरू होगा मुस्लिमों का पवित्र महीना, घरों में इबादत की अपील

कर्नाटक, केरल में दिखा रमजान का चांद, शुक्रवार से शुरू होगा मुस्लिमों का पवित्र महीना, घरों में इबादत की अपील

 

  • कोरोना संकट के बीच रमजान का पवित्र महीना शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है
  • कर्नाटक और केरल की अलग-अलग जगहों पर चांद दिख गया है
  • मुस्लिम समुदाय के लोग 24 अप्रैल से एक महीने तक रोजा रखेंगे
  • मुस्लिम समुदाय से वैश्विक अपील की जा रही है कि वो इस दौरान घरों में ही इबादत करें

नई दिल्ली
मुस्लिम समुदाय के पवित्र रमजान महीने की शुरुआत शुक्रवार से हो जाएगी। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ और उडुप्पी जिलों में जबकि केरल के कोझिकोड जिले के कप्पड़ में गुरुवार को रमजान का चांद दिख गया। इस बीच संयुक्त राष्ट्र से लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ विभिन्न मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मुस्लिमों से रमजान के दौरान घरों में ही इबादत करने की अपील की है।

नकवी की अपील
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विश्वास जताया कि रमजान के पवित्र महीने में संपूर्ण मुस्लिम समुदाय लॉकडाउन और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने घर पर इबादत एवं इफ्तार करेगा। उधर, दिल्ली में जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमामों ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान मुसलमानों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य वक्फ बोर्डों और उलेमाओं से बात करने के बाद लोगों से रमजान में लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करने की अपील भी की। उन्होंने कहा, ‘कोई भी मुसलमान रमजान में मस्जिदों से दूर नहीं रहना चाहता, लेकिन कोरोना के कहर के कारण पूरी दुनिया और हिंदुस्तान के उलेमा एवं संगठनों ने तय किया है कि इस पाक महीने में मस्जिदों, अन्य धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज और इफ्तार का आयोजन नहीं करेंगे। यह अच्छी बात है।’ नकवी ने मुस्लिम समुदाय से यह अपील भी की, ‘हमें इस महीने खुदा से दुआ करनी चाहिए कि हमारे मुल्क और पूरी दुनिया को कोराना से निजात मिले और इंसानियत की रक्षा हो।’

इमामों की सलाह
उधर, दिल्ली में जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमामों ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान मुसलमानों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील की है। साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन करने की अपील की है। देश के बाकी हिस्से में रमजान का महीना शनिवार से शुरू होने की उम्मीद है। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक वीडियो संदेश में लोगों से कहा कि अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और रमजान के दौरान घरों में रहकर ही इबादत करें।

अहमद बुखारी ने की अपील
बुखारी ने कहा, ‘दो दिन बाद रमजान मुबारक की शुरुआत हो रही है। नमाज और तरावीह घरों में ही अदा की जानी चाहिए। इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि एक साथ तीन या चार से अधिक लोग तरावीह नहीं पढ़ें क्योंकि महामारी के मद्देनजर अधिक संख्या में एकत्र होना समाज और परिवारों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।’

फतेहपुरी मस्जिद के इमाम का सुझाव
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि जो लोग आइसोलेशन में हैं और रोजा रखने की हालत में नहीं हैं तो वह ‘कजा’ के जरिए बाद में रोजे रख सकते हैं। अहमद ने कहा, ‘कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन लागू है और लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, लेकिन रमजान के दौरान अधिकारियों को मुस्लिम इलाकों में दुकानों और ठेली वालों को अनुमति देनी चाहिए ताकि रोजेदार इफ्तारी और सहरी के लिए भोजन खरीद सकें।’ उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि मुस्लिम बहुल इलाकों में जरूरी इतंजाम किए जाएं ताकि लोग तड़के और शाम के समय जरूरत का सामान खरीद सकें।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने क्या कहा
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को अपने रमजान संदेश में कहा, ‘यह निश्चित तौर पर बहुत ही अलग रमजान होगा। कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए उठाए कदमों से स्वाभाविक तौर पर कई सामुदायिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।’ उन्होंने कहा कि रमजान सबसे कमजोर लोगों को सहयोग देने के लिए है। गुतारेस ने मुस्लिम विश्व में सरकारों और लोगों की प्रशंसा की जो आतिथ्य सत्कार और उदारता की सर्वोच्च इस्लामिक परंपरा का पालन करते हुए संघर्षरत क्षेत्रों से भागने वाले लोगों की मदद करके अपने धर्म का अनुसरण करते हैं।

दुनिया पर कोरोना का प्रकोप
कोरोना वायरस से अभी तक दुनियाभर में 26 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1,83,330 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, भारत में अब तक कुल लगभग 21,700 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। कोविड-19 बीमारी से 4,325 लोग ठीक हो गए हैं जबकि 686 लोगों की मौत हो गई है।