जम्मू। संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि अब संकल्प पूर्ति का समय निकट है। अबकी बार ऐसा बसना है कि दोबारा उजड़ना न पड़े। सबके बीच मिल-जुलकर बसना है।

कश्मीरी हिंदुओं को आनलाइन संबोधन में मोहन भागवत ने कश्यप ऋषि की कहानी का हवाला देते हुए धैर्य से कार्य पूरा करने का आह्वान किया। कल आप सभी ने संकल्प दिवस पर संकल्प लिया कि अगले वर्ष अपनी धरती, अपने प्रदेश में नवरेह मनाएंगे। यही सबसे बड़ी बात है। इजराइल के लोग भी अपनी धरती से बिखर गए थे, इसके लिए वह हर वर्ष संकल्प लेते थे। उन्होंने इसे 1800 वर्ष जागृत रखा।

‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि विस्थापन की विभीषिका का सत्य सामने लाने वाले इस चित्र की चर्चा चल रही है। लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया कर रहे हैं पर आम जनमानस यह कह रहा है कि इस चित्र ने उस विदारक सत्य को सामने लाकर हमें जगाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी बसने को हिंदू सक्षम हैं मगर कश्मीरी हिंदू अपनी भूमि पर बसना चाहते हैं। कश्मीरी पंडितों पर जो गुजरा है उसकी सत्यता ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म ने सामने लाई। कश्मीरी पंडितों का घर वापसी का सकंल्प अगले नवरेह पर जरूर होगा पूरा। 370 के हटने के बाद घाटी वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने राजा ललितादित्य के इतिहास पर खुलकर चर्चा की।