Modi@20: एस जयंशकर बोले, आतंकवाद को लेकर पुरानी सरकार से अलग हैं पीएम मोदी; न तो नजरअंदाज करेंगे और न ही बर्दाश्त

- Modi20 जयशंकर ने लिखा कि चीन से जुड़े सीमा विवाद से निपटने में पीएम मोदी ने अपेक्षित धैर्य का परिचय दिया है और इसके साथ ही एलएसी को एकतरफा नहीं बदलने देने का दृढ़ संकल्प भी लिया है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी गई किताब ‘मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ इनदिनों बेहद चर्चा में है। इस किताब पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। इस किताब में एस जयशंकर ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साफ कहना है कि वह आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार से प्रेरित आतंकवाद को न तो नजरअंदाज करेंगे और न ही बर्दाश्त करेंगे। उनके इस दृढ़ संकल्प ने 2014 के बाद से पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति को नया आकार दिया है।
जयशंकर ने किताब में विदेश सचिव बनने के बाद 2015 में सार्क यात्रा के लिए जाने के दौरान पीएम मोदी द्वारा दिए गए निर्देशों को याद किया है। जयशंकर ने लिखा कि पीएम मोदी ने मुझसे कहा कि उन्हें मेरे अनुभव और फैसले पर बहुत भरोसा है, लेकिन इस्लामाबाद पहुंचने पर मुझे एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वह अपने पूर्ववर्तियों से अलग हैं। वे आतंकवाद को न तो नजरअंदाज करेंगे और न ही बर्दाश्त करेंगे।
जयशंकर ने लिखा कि चीन से जुड़े सीमा विवाद से निपटने में पीएम मोदी ने अपेक्षित धैर्य का परिचय दिया है और इसके साथ ही एलएसी को एकतरफा नहीं बदलने देने का दृढ़ संकल्प भी लिया है।
जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ तनाव का भी किया जिक्र
पूर्वी लद्दाख में हुए गतिरोध को लेकर जयशंकर ने कहा कि चीन की सीमा पर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बलों की तैनाती की बात आने पर भारत का नेतृत्व और इच्छाशक्ति समान रूप से साक्ष्य में थी। 2020 में हमारे सशस्त्र बलों की प्रभावी प्रतिक्रिया अपने आप में एक कहानी है। इस दौरान विपक्षी दलों ने बार-बार सरकार पर चीनी घुसपैठ की वास्तविक सीमा का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाया, इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया।
विदेश सचिव के रूप में और उसके बाद विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर ने किताब में कई उल्लेखों का जिक्र किया है। जयशंकर ने 2015 में म्यांमार सीमा पर विद्रोही शिविरों को बेअसर करने और 2016 में उरी में सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी गई यह किताब उनके जीवन के पिछले 20 सालों के राजनीतिक जीवन को दर्शाती है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से लेकर भारत के प्रधानमंत्री तक शामिल हैं। इस किताब को उद्योग और राजनीति के प्रख्यात बुद्धिजीवियों और व्यक्तित्वों द्वारा संकलित किया गया है।