Ghana को China के जाल से बाहर निकालेंगे मोदी, President Mahama से वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच हुए कई समझौते

Ghana को China के जाल से बाहर निकालेंगे मोदी, President Mahama से वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच हुए कई समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध तो मजबूत हुए ही साथ ही भारत के साथ किये गये समझौतों की बदौलत आने वाले समय में घाना को चीनी कर्ज के चंगुल से बाहर निकलने में भी मदद मिल पायेगी। घाना ने प्रधानमंत्री का जिस तरह भव्य स्वागत किया और अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से उन्हें नवाजा, वह दोनों देशों के संबंधों में आई नई गर्माहट को दर्शाता है। हम आपको बता दें कि पश्चिम अफ्रीका में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक घाना और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों की विशेषता मजबूत व्यापारिक और निवेश साझेदारी है। भारत घाना के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और घाना के निर्यात के लिए सबसे बड़ा गंतव्य है। साथ ही भारत घाना से बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है।

घाना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा काफी उपयोगी साबित हुआ है। घाना के लिए भारत का क्या महत्व है यह इसी बात से पता चल गया था जब प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी करने के लिए खुद घाना के राष्ट्रपति हवाई अड्डे पहुँच गये थे। हम आपको बता दें कि मोदी बुधवार को पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे थे। घाना के राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी की हवाई अड्डे पर अगवानी की, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। यह पिछले तीन दशक में भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है। होटल पहुंचने पर, मोदी का भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘हरे कृष्ण’ के नारों के बीच गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके स्वागत के लिए संगीत और नृत्य का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच व्यापक वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एवं घाना ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक विस्तार दिया है और नयी दिल्ली इस अफ्रीकी राष्ट्र की विकास यात्रा में सह-यात्री है। मोदी ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत, घाना की विकास यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। हम आपको बता दें कि दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक मोदी के पश्चिम अफ्रीकी देश की राजधानी पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई।

हम आपको बता दें कि मोदी और महामा के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज, मैंने और राष्ट्रपति ने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को एक व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत, घाना की राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ एक साझेदार ही नहीं, बल्कि एक सह-यात्री भी है।’’ उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कंपनियों ने करीब 900 परियोजनाओं में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश किया है। आज, हमने अगले पांच वर्ष में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान का अपना अनुभव घाना के साथ साझा करने के लिए तैयार है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में सहयोग करेंगी। मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है तथा इस खतरे से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद देते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में हमने आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में हम ‘‘एकजुटता के जरिए सुरक्षा’’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत-घाना सहयोग बढ़ाया जाएगा। मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में संघर्षों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए।’’ दोनों नेताओं ने ‘ग्लोबल साउथ’ के समक्ष आने वाले मुद्दों पर भी बात की।

मोदी ने कहा, ‘‘हम दोनों ‘ग्लोबल साउथ’ के सदस्य हैं और इसकी प्राथमिकताओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में घाना की सकारात्मक भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद देते हैं।’’ हम आपको बता दें कि ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘यह भारत के लिए गर्व की बात है कि जी20 की हमारी अध्यक्षता के तहत अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली।’’

राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता को ‘‘बेहद सार्थक’’ बताते हुए मोदी ने ‘एक्स’ एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाया है, जो हमारे देशों के लोगों के लिए फायदेमंद होगा। हमने व्यापार और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की। फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी), कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया।’’ उन्होंने कहा कि भारत और घाना महत्वपूर्ण खनिज, रक्षा, समुद्री सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने की अपार संभावनाएं देखते हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।

इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने भारत और घाना के बीच मधुर और समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंधों की पुष्टि की तथा प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।’’

प्रधानमंत्री मोदी को मिला घाना का राष्ट्रीय सम्मान

साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को उनकी ‘‘प्रतिष्ठित शासनकला और प्रभावशाली वैश्विक नेतृत्व’’ के लिए घाना के राष्ट्रीय सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।’’ मोदी ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा कि यह पुरस्कार उनके लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से यह पुरस्कार विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।’’ उन्होंने इस सम्मान को दोनों देशों के युवाओं की आकांक्षाओं और उज्ज्वल भविष्य, घाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों तथा उनकी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं एवं विविधता को समर्पित किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सम्मान एक जिम्मेदारी भी देता है और वह जिम्मेदारी भारत-घाना मित्रता को और मजबूत बनाने के लिए काम करने की है। भारत घाना के लोगों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा और एक भरोसेमंद दोस्त एवं विकास में भागीदार के रूप में योगदान देना जारी रखेगा।’’

हम आपको बता दें कि मोदी के अलावा ‘ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित की गई प्रमुख हस्तियों में ब्रिटेन की महारानी के तौर पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान, 2018 में प्रिंस ऑफ वेल्स के रूप में महाराजा चार्ल्स तृतीय, मोरक्को के राजा किंग मोहम्मद चतुर्थ और इटली के पूर्व राष्ट्रपति जियोर्जियो नेपोलिटानो शामिल हैं।

हम आपको यह भी बता दें कि घाना से मोदी तीन से चार जुलाई तक त्रिनिदाद और टोबैगो की दो दिवसीय यात्रा करेंगे। अपनी यात्रा के तीसरे चरण में मोदी चार से पांच जुलाई तक अर्जेंटीना का दौरा करेंगे। अपनी यात्रा के चौथे चरण में मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील जाएंगे। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में वह नामीबिया जाएंगे।


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