ऑक्सीजन को लेकर मौत मामले में मोदी सरकार नहीं गंभीर – मनीष सिसोदिया
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- मनीष सिसोदिया ने कहा कि जबकि कोरोना की जो दूसरी लहर थी उस दौरान ऑक्सीजन की कमी एक बड़ा मुद्दा थी.सिसोदिया ने कहा कि देशभर में हाहाकार हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया. डॉक्टर्स भी मान रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी हुई.
नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन की कमी को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है. केंद्र सरकार बता रही है कि राज्यों से पूछा गया है कि ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुई है. उन्होंने कहा कि जबकि कोरोना की जो दूसरी लहर थी उस दौरान ऑक्सीजन की कमी एक बड़ा मुद्दा थी.सिसोदिया ने कहा कि देशभर में हाहाकार हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया. डॉक्टर्स भी मान रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी हुई.
डिप्टी सीएम ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है. केंद्र सरकार राज्यों से पूछ रही है कि ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुईं.
बताया जा रहा है कि केंद्र ने 13 अगस्त तक का समय दिया है राज्य सरकारों को ये बताने के लिए. सिसोदिया ने आगे कहा कि लेकिन आज तक दिल्ली सरकार को केंद्र की तरफ से एक चिट्ठी नहीं आई है, हमसे पूछा नहीं गया है.
‘राज्य बताएंगे कहां से जब राज्यों से पूछा ही नहीं जाएगा’
दिल्ली सरकार का मानना है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की क्राइसिस थी. हम यह नहीं कहते कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई. हमने उसके लिए कमेटी बनाई थी, जिसे उपराज्यपाल के जरिए भंग करा दिया गया. राज्यों से जब पूछा ही नहीं जाएगा तो वो बताएंगे कहां से.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मोदी सरकार को राज्यों से इस पर बातचीत करनी चाहिए. तीसरी कोरोना लहर की आशंका अभी बनी हुई है. हम अपनी पूरी जानकारी केंद्र को भेजेंगे. उसको ही आप सुप्रीम कोर्ट में रखें, संसद में रखें.
इधर, मध्य प्रदेश में ऑक्सीन और दवाइयों की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई. यह कहना है स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी का. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री चौधरी ने विधायक लखन घनघोरिया के लिखित सवाल पर विधानसभा में यह जानकारी दी. बिहार और तमिलनाडु का भी कहना है कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई.