ठाणे में भाषा विवाद को लेकर हंगामा: हिंदी बोलने पर हमले के खिलाफ एमएनएस का प्रदर्शन, कई कार्यकर्ता हिरासत में; फडणवीस बोले- अनुमति नहीं ली थी

मुंबई/ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा रोड इलाके में भाषा विवाद ने तूल पकड़ लिया है। हिंदी बोलने को लेकर हुई मारपीट की घटना के विरोध में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए रैली निकाल रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि जब दुकानदारों को अपनी भाषा को लेकर विरोध जताने की छूट है, तो फिर उन्हें मराठी के समर्थन में प्रदर्शन करने से क्यों रोका जा रहा है। कुछ कार्यकर्ताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी सीखनी ही होगी, नहीं तो अंजाम भुगतना पड़ेगा।”
फडणवीस ने दी सफाई, विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार सभी को है, लेकिन कानून के मुताबिक अनुमति लेना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने ट्रैफिक और भीड़ की वजह से रैली के मार्ग में बदलाव करने का सुझाव दिया था, लेकिन एमएनएस कार्यकर्ता अड़ गए, इसलिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र का मिजाज सबको पता है। यहां मराठी लोग बड़े दिल वाले हैं, ऐसी छोटी सोच वाले व्यवहार को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।”
कहां से शुरू हुआ विवाद?
पूरा विवाद रविवार रात मीरा रोड पर ‘जोधपुर स्वीट शॉप’ में हुई घटना से शुरू हुआ। आरोप है कि 48 वर्षीय दुकानदार बाबूलाल चौधरी और उनके कर्मचारी बघाराम से मराठी में बात करने को कहा गया था। जब उन्होंने हिंदी में बातचीत जारी रखी, तो एमएनएस के सात कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। माना जा रहा है कि विवाद की पृष्ठभूमि महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले से जुड़ी है, जिसमें प्राइमरी स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य किए जाने की बात सामने आई थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था।