Militancy in Kashmir: आइजीपी कश्मीर विजय कुमार बोले-इस साल घाटी में मारे गए 19 आतंकी, 4 जवान हुए शहीद
श्रीनगर : पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने जिला शोपियां के मनिहाल इलाके में मुठभेड़ के दौरान मार गिराए गए चार स्थानीय आतंकियों की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कई बार मौके दिए गए परंतु उन्होंने एक भी नहीं सुनी। हमने एक आतंकी की पत्नी को भी मुठभेड़ स्थल पर बुलाया ताकि वे आत्मसमर्पण करने के लिए मान जाएं परंतु उन्होंने घर के भीतर से सुरक्षाबलों पर गोलियां बरसाना जारी रखा।
आइजीपी ने कहा कि ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-मुस्तफा आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे। मुठभेड़ स्थल से तीन पिस्तौल और एक एके राइफल व उसकी मैगजीन बरामद हुई है। मारे गए आतंकियों में रईस अहमद भट, पिछले साल अक्टूबर से, आकिब अहमद मलिक (पिछले साल नवंबर से), आफताब अहमद वानी (पिछले साल दिसंबर से) जबकि अमीर शफी मीर (इस साल फरवरी से) सक्रिय था।
आइजीपी ने बताया कि इस साल कश्मीर घाटी में नौ मुठभेड़ हुई। इनमें एक उत्तर काश्मीर जबकि अन्य आठ दक्षिण कश्मीर में हुई।यही नहीं इन मुठभेड़ों के दौरान 19 आतंकवादी मार गिराए गए। मारे गए आतंकियों में नौ शोपियां जिले के थे। यही नहीं इनमें दो शीर्ष कमांडर शामिल थे जिनके नाम गनी ख्वाजा और सज्जाद अफगानी थे। यह सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता मानी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस साल घाटी के 18 युवा विभिन्न आतंकवादी रैंकों में शामिल हुए। उनमें से पांच विभिन्न मुठभेड़ों में मार गिराए गए हैं जबकि तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया है। बाकी अभी सक्रिय हैं। हम उनके परिवारों के संपर्क में हैं। प्रयास किए जा रहे हैं कि भटके हुए इन युवाओं को वापस घरों में लाया जाए। आइजीपी ने कहा कि इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है अभी तक सात युवाओं को उनके परिवारों की मदद से मुख्यधारा में वापस लाया गया है।
आइजीपी ने कहा कि इन चारों आतंकियों की घेराबंदी रविवार शाम को ही सुरक्षाबलों ने कर ली थी। उम्मीद थी कि इन स्थानीय आतंकियों को रात 2 बजे तक आत्मसमर्पण करने के लिए मना लिया जाएगा परंतु बार-बार मौका दिए जाने के बाद भी वे आत्मसमर्पण को तैयार नहीं हुए। कुमार ने कहा कि अभी तक कोई भी नागरिक नहीं मारा गया है। इस साल अब तक अलग-अलग आतंकवादी घटनाओं में तीन पुलिसकर्मी और एक सैनिक शहीद हुए हैं। कल देर रात को भी एक सैनिक घायल हुआ हालांकि वह स्थिर है।
आतंकी संगठन सोशल मीडिया का ले रहे सहारा: आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि पाकिस्तान युवाओं को आतंकवादी बनाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार कोशिश कर रहा है। इसमें नशे का सहारा भी लिया जा रहा है। ड्रग्स भी पाकिस्तान से ही आ रही है। हम बार-बार युवाओं के परिजनों से सतर्क रहने का अनुरोध करते रहते हैं। यदि उनका बच्चा ड्रग्स का उपयोग कर रहा है तो पुलिस अस्पताल से मदद लें। ”
गर्मियों में सुरक्षा व्यवस्था और की जाएगी कड़ी: उन्होंने बताया कि गर्मियों में घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी जाएगी। हम नाकों में बढ़ोतरी करेंगे जबकि शिफ्टिंग कैंपों को भी बढ़ा रहे हैं। चुनावों के बाद हमें और अधिक सुरक्षाकर्मी मिलेंगे। जहां भी आवश्यकता होगी, हम सुरक्षाबलों की तैनाती करेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस साल जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा सुरक्षित और घटना रहित होगी।