औषधीय खेती से किसानों की आय बढऩे के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी होता है: आयुष मंत्री

- सहारनपुर में सर्किट हाऊस में औषधीय पौधे वितरित करते आयुष राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. धर्मसिंह सैनी।
सहारनपुर [24CN]। प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधीय प्रशासन, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्मसिंह सैनी ने कहा कि आज हम बिना पेस्टीसाइड और फर्टीलाइजर के अनाज तैयार कर रहे है। हम धीरे-धीरे अपनी भारतीय पद्धति पर वापस आ रहे हैं। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्यमंत्री डॉ. धर्मसिंह सैनी आज सर्किट हाउस सभागार में केन्द्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा औषधीय पौध वितरण कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि औषधीय खेती करने वाले किसानों को प्रशिक्षित करने, उनका उत्साहवर्धन करने तथा आयुष मंत्रालय द्वारा औषधीय खेती पर दिये जाने वाली अनुदान राशि के बारे में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय आयुष मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश आयुष विभाग द्वारा जनपद से प्रारम्भ इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसान की आय दोगुनी करना है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि किसान रसायनिक उर्वरकों की खेती छोडकर भारतीय पूर्व परमरागत चिकित्सा पद्धती से खेती करे। आयुष मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ऐलोपैथ डॉक्टर भी आयुष के काढ़े की तरफ आकर्षित थे। उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी औषधीयां है जिनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य किए जाने के साथ ही औषधीय खेती से किसान को आर्थिक लाभ भी मिलता है।
कार्यक्रम में मण्डल के 30 किसानों को औषधीय खेती करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया जिसमें सहारनपुर के 27, मुजफ्फरनगर के 2 तथा शामली का 1 किसान शामिल है। इस मौके पर क्षेत्रीय निदेशक क्षेत्रीय एवं सुगमता केन्द्र उत्तर भारत-1 आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान हिमाचल प्रदेश डॉ अरूण चंदन, अनुसंधान अधिकारी राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड आयुष मंत्रालय भारत सरकार डॉ. सुनील दत्त, इण्डियन हर्बस के निदेशक श्री सुधाकर अग्रवाल तथा सहारनपुर मण्डल के किसान मौजूद रहे।