महापौर ने कर अधीक्षक से मांगा स्पष्टीकरण

सहारनपुर। महापौर डॉ. अजय कुमार ने कर अधीक्षक सुरेंद्र सिंह पर उनकी कथित आपत्ति जनक कार्यशैली एवं लापरवाही एवं प्रभात सिनेमा प्रकरण में आरोपित करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। उन्होंने टैक्स विभाग के राजस्व निरीक्षक लोकेश पर भी कुछ ऐसे ही आरोप लगाते हुए राजस्व निरीक्षक से वार्ड लेकर मुख्यालय से सम्बद्ध करने के लिए मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को पत्र लिखा है।
कर अधीक्षक सुरेंद्र सिंह को महापौर की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वे गत दो वर्ष से गृहकर एवं जलकर के कार्य के साथ अतिरिक्त रुप से विज्ञापन कार्य भी देख रहे हैं। विभाग की समीक्षा बैठकों के दौरान उन्हें अपनी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई बार निर्देशित किया गया है। जीआईएस सर्वे को लेकर भवन स्वामियों द्वारा हर रोज आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं। आरोप है कि आपत्तियों के निस्तारण के लिए वह और उनके अधिनस्थ राजस्व निरीक्षक बढ़े हुए कर को कम करने के लिए भवन स्वामियों से मिलकर उन्हें परेशान करते हैं जिसके कारण आपत्तियों के निस्तारण में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है।
पत्र में कहा गया है कि इस प्रकार उनके द्वारा अपने कर्तव्यों को निवर्हन करने में शिथिलता बरती जा रही है। यह कार्यशैली घोर आपत्तिजनक एवं लापरवाही का द्योतक है। पत्र में यह भी कहा गया है कि विज्ञापन सम्बंधी वसूली की प्रभावी कार्यवाही हेतु उनके द्वारा कुछ व्यापारियोंध्व्यक्तियों को चिह्नित कर द्वेषपूर्ण तरीके से परेशान करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। आरोप है कि गत 22 जुलाई को प्रभात सिनेमा की निजी सम्पत्ति पर लगे बैनर को बिना किसी सूचना के उतार दिया गया। जबकि सिनेमा के कर्मचारियों द्वारा विधिवत् शुल्क देने का अनुरोध किया, लेकिन उनके द्वारा शुल्क नहीं लिया गया और निगम को हानि पहुंचाई गयी। महापौर ने कहा कि भवन स्वामी ने उनके कार्यालय में उपस्थित होकर उन्हें यह भी अवगत कराया है कि उनके द्वारा उक्त सम्पत्ति पर मौजूद कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार तथा भवन स्वामी के प्रति अशोभनीय भाषा का भी प्रयोग किया गया है।
कर अधीक्षक से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। महापौर द्वारा मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को लिखे एक अलग पत्र में राजस्व निरीक्षक लोकेश कुमार पर भी कुछ ऐसे ही आरोप लगाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि जीआईएस सर्वे के उपरांत भवन स्वामियों द्वारा बढेघ् हुए कर को कम करने के लिए आपत्तियां दर्ज करायी जा रही हैं।
महापौर ने कहा है कि अनेक भवन स्वामियों ने उनके कार्यालय में आकर उन्हें अवगत कराया है कि आपत्तियों के निस्तारण में उक्त राजस्व निरीक्षक द्वारा उन्हें डरा धमकाकर अवैध रुप से धन की मांग की जा रही हैं। उक्त राजस्व निरीक्षक पर भी प्रभात सिनेमा प्रकरण में कर अधीक्षक वाले ही गंभीर आरोप लगाये गए हैं। महापौर ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को लिखे पत्र में राजस्व निरीक्षक लोकेश कुमार को मुख्य कार्यालय से सम्बद्ध करते हुए पंाच दिन के भीतर जांच आख्या देने के निर्देश दिए है।