यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से देश होगा मजबूत : मायावती

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से देश होगा मजबूत : मायावती

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) यानी समान नागरिकता संहिता कानून को लेकर दिए गए बयान के बाद से इस मुद्दे को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है। इसको लेकर विपक्षी दलों के साथ साथ मुस्लिम धर्म गुरुओं और संगठनों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अब इस मामले पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का बयान आया है। मायावती ने यूसीसी का विरोध ना करके एक तरह से अपना समर्थन दे दिया है।

मायावती ने यूनिफॉर्म सिविल कोड यूसीसी कानून को लेकर कहा कि हमारी पार्टी बसपा यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है। कहा कि यूसीसी लागू होने से देश मजबूत होगा और भारतीय एकजुट होंगे। इससे लोगों में भाईचारे की भावना भी विकसित होगी। लेकिन जिस तरह से बीजेपी सरकार देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। यूसीसी को जबरदस्ती लागू करना ठीक नहीं है। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से देश में भेदभाव पैदा होगा।

मायावती का कहना है कि भारत देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी व बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। जिनके अपने अपने रहन-सहन, तौर तरीके और रस्म रिवाज़े है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही मायावती का कहना है कि अगर सभी धर्मों के मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत ही होगा। जिसे ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड यूसीसी को बनाने पर वर्णित है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उसका जिक्र किया गया है।

मायावती ने कहा कि यूसीसी को जबरन थोपने का प्रावधान बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के संविधान में निहित नहीं है। इसके लिए जागरूकता या आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है। उन्होंने कहा कि इस पर अमल ना करके इसकी आड़ में संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति करना देश हित में सही नहीं है, जो इस समय की जा रही है। मायावती ने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी को देश मे यूसीसी लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था।