टीचरों के सपोर्ट में नजर आईं मायावती, योगी सरकार के फैसले को बताया जल्दबाजी में थोपा गया कदम

लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था लागू कराए जाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार को घेरा है। मंगलवार को एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने कहा कि बिना तैयारी शिक्षकों पर ऑनलाइन हाजिरी को थोपा जाना ठीक नहीं है। परिषदीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। शिक्षकों के भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं। ऐसे में पहले शिक्षकों के खाली पद भरे जाएं और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि अच्छी गुणवत्ता की पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।
मायावती ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा है कि सरकारी स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहां बदहाली की शिकायतें आम हैं। जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाए सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य किया जा रहा है।
1. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहाँ बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित?
सपा-कांग्रेस के बाद अब बसपा भी शिक्षकों के पक्ष में
परिषदीय स्कूलों के शिक्षक पिछले एक हफ्ते से लगातार इसके विरोध में आंदोलनरत हैं। विपक्षी दल भी शिक्षकों का पक्ष में खड़े हैं। पहले सपा और कांग्रेस ने उनकी आवाज उठाई और अब बसपा भी उनके पक्ष में खड़ी हो गई है।