UPPSC RO-ARO: अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरीं मायावती, यूपी सरकार को कही ये बात

UPPSC RO-ARO: अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरीं मायावती, यूपी सरकार को कही ये बात

UPPSC RO-ARO: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से आयोजित कराए जा रहे पीसीएस प्री 2024 और RO / ARO प्रारंभिक परीक्षा 2023 को लेकर प्रयागराज में हजारों की संख्या में छात्र प्रदर्शन कर कर रहे हैं। छात्र यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और परीक्षा को वन डे और वन पेपर में कराने की मांग कर रहे हैं। इस बीच अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती भी छात्रों के समर्थन में उतर आई हैं। आइए जानते हैं कि उन्होंने इस मुद्दे पर क्या कहा है।

यूपी के पास सुविधाओं का इतना अभाव?- मायावती

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस तथा आरओ-एआरओ की भी प्रारंभिक परीक्षा-2024 एक समय में कराने में विफलता को लेकर आक्रोशित छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न स्थिति की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक है। मायावती ने सवाल उठाया कि क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा है जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी है। मायावती ने कहा कि सरकार इस ओर ध्यान दे।

सरकार का रवैया क्रूर नहीं होना चाहिए- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे कहा कि गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की जबरदस्त मार झेल रहे छात्रों के प्रति सरकार का रवैया क्रूर नहीं बल्कि सहयोग एवं सहानुभूति का होना चाहिए। इसको लेकर सरकार खाली पड़े सभी बैकलॉग पर जितनी जल्दी भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे उतना बेहतर है। मायावती ने कहा कि लोगों को रोजी-रोजगार की सख्त जरूरत है।

विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकालीन- छात्र

प्रयागराज में छात्रों के बडे़ स्तर पर विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पुलिस फोर्स के साथ ही RAF की भी तैनाती की गई है। छात्रों का कहना है कि उनका यह विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकालीन है। जब तक कि आयोग की ओर से उन्हें एक दिन और एक शिफ्ट में ही परीक्षा कराने का आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आयोग से नार्मलॉइजेशन का फैसला वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं।


विडियों समाचार