यूपी में चाहिए मुस्लिमों का वोट तो अखिलेश यादव को लेना होगा ये फैसला! मौलाना ने दी चेतावनी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार (13 नवंबर) को बरेली आने वाले हैं. इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा चीफ के सामने एक बड़ी मांग रख दी है. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि अखिलेश यादव यूं तो अपने फायदे के सिए मुसलमानों के साथ उठते-बैठते हैं, लेकिन समुदाय को उनसे फायदा नहीं होता.
इसी के साथ शहाबुद्दीन रजवी ने अखिलेश यादव के सामने बड़ी मांग रख दी है. उन्होंने कहा है कि अगर समाजवादी पार्टी चाहती है कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में मुस्लिम वोट उनके खाते में आएं तो सपा को मुस्लिम चेहरे के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ना होगा और मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान करना होगा.
अखिलेश यादव भ्रम में हैं- शहाबुद्दीन रजवी
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए, शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कल बरेली आ रहे हैं. बरेली में सभी को आने का अधिकार है. यहां कोई भी शख्स आ सकता है, कोई भी यहां से जा सकता है. वह यह समझते हैं कि किसी मुसलमान के घर चाय-पानी पीने या खाना खाने से पूरी कौम की किस्मत बदल जाएगी. ऐसा हरगिज नहीं है. उस व्यक्ति का भी भला नहीं होगा, जिसके यहां वे खाना खाएंगे. न अखिलेश यादव किसी की किस्मत बदल सकते हैं, न तकबीर.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि 2-5 या सात परसेंट की आबादी वाले लोगों को उनकी संख्या से कहीं ज्यादा टिकट दिए हैं. 20 फीसदी मुसलमान वाले समुदाय को कितने टिकट दिए गए? अखिलेश यादव के नेतृत्व में दो विधानसभा और तीन लोकसभा चुनाव हुए. मुसलमानों ने झोली भरकर अखिलेश यादव को वोट दिया, लेकिन इस समुदाय के कितने लोगों को उन्होंने अपना उम्मीदवार बनाया?”
‘सिर्फ वोट के लिए मुसलमानों का इस्तेमाल नहीं कर सकते अखिलेश’
शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि मुसलमान पढ़ा लिखा है और सियासत और समाज की तालीम रखता है. बहुत सूझबूझ से अपने आपको पेश कर रहा है. अखिलेश यादव ये न समझें कि वह केवल वोट के लिए मुसलमानों को इस्तेमाल करते रहेंगे. वोट बैंक के तौर पर दरी बिछवाते रहेंगे, कुर्सियां लगवाते रहेंगे और स्टेज सजवाते रहेंगे. जब देने का मौका आएगा तो उन्हें हाशिये पर छोड़ दिया जाएगा. अब हरगिज ऐसा नहीं होने वाला. अखिलेश यादव को मुसलमानों की आबादी के आधार पर उन्हें हिस्सा देना होगा. चाहे लोकसभा हो चाहे विधानसभा या विधान परिषद.
‘अखिलेश यादव को देना होगा मुस्लिम सीएम’
इसके अलावा, शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “मुसलमानों ने तीन बार मुलायम सिंह को और एक बार अखिलेश यादव को अपने कंधे पर सवार कर के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बठाया. साल 2027 के विधानसभा चुनाव में वह ऐलान करें कि मुसलमान मुख्यमंत्री होगा. समाजवादी पार्टी के नेताओं की बैठक कर यह प्रस्ताव पास करें और कहें कि 2027 में सपा का चेहरा मुसलमान होगा और उसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.”
