वक्फ विधेयक पर मौलाना अरशद मदनी का बयान: “हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई, बांटेंगे तो देश तबाह हो जाएगा”

नई दिल्ली: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई हैं और यदि इन्हें बांटा गया, तो इससे देश को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने इसे वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण की साजिश बताया और कहा कि भारत की शक्ति उसकी धार्मिक एकता में है, न कि विभाजनकारी राजनीति में।
तेदेपा और जदयू को चेतावनी
मौलाना मदनी ने तेदेपा और जदयू जैसी पार्टियों को एनडीए सरकार की “बैसाखी” बताते हुए इन दलों से धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर अडिग रहने का आग्रह किया। मदनी का कहना है कि अगर ये दल विधेयक के समर्थन में रहते हैं, तो वे जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगे। जमीयत की कोशिश है कि इन दलों को इस मुद्दे पर सरकार के विरोध में लाकर विधेयक के पारित होने को रोका जा सके।
शीतकालीन सत्र में रिपोर्ट देगी समिति
वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए गठित संसदीय समिति अपनी रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत करेगी। इसी के मद्देनजर जमीयत ने संविधान सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में मदनी ने तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू और जदयू के नीतीश कुमार से मुसलमानों की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एनडीए के धर्मनिरपेक्षता का दावा करने वाले दलों को इस विधेयक का समर्थन करने से बचना चाहिए।
‘दो बैसाखियों पर टिकी है सरकार’
मौलाना मदनी ने एनडीए सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह विधेयक पारित होता है, तो सरकार जिन दो “बैसाखियों” पर टिकी है, वे भी इसके परिणाम से बच नहीं सकेंगी। सम्मेलन में तेदेपा के आंध्र प्रदेश उपाध्यक्ष नवाब जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू भी वक्फ विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही मौलाना मदनी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधा, उन पर मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर लाने का आरोप लगाया।
हमास लड़ाकों की तुलना गांधी-नेहरू से
फलस्तीन के समर्थन में बोलते हुए मदनी ने विवादित बयान दिया और हमास लड़ाकों की तुलना महात्मा गांधी व जवाहरलाल नेहरू जैसे स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं से कर दी। उन्होंने कहा कि अगर गुलामी से मुक्ति की लड़ाई आतंकवाद है, तो गांधी और नेहरू को भी आतंकी माना जाना चाहिए।
‘मस्जिद, मदरसे और कब्रिस्तान पर खतरा’: मौलाना सैफुल्लाह रहमानी
पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक से मस्जिदों, मदरसों, और कब्रिस्तानों की पहचान खतरे में आ जाएगी। उन्होंने पुरानी वक्फ संपत्तियों के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने की शर्त पर आपत्ति जताई, यह बताते हुए कि सैकड़ों वर्ष पुरानी संपत्तियों के कागजात अब मिलना मुश्किल है।