शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में स्कूल ऑफ़ बेसिक एंड अप्लाइड साइंसेज विभाग द्वारा श्रीनिवास रामानुजन के जयंती के उपलक्ष्य में गणित दिवस का आयोजन
गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जयंती के उपलक्ष्य में 18 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलने वाले गणित सप्ताह के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में स्कूल ऑफ़ बेसिक एंड अप्लाइड साइंसेज विभाग द्वारा गणित दिवस का आयोजन किया गया। गणित सप्ताह श्रृंखला में कार्यक्रम के अंतिम दिन में स्कूल ऑफ़ बेसिक एंड अप्लाइड साइंसेज विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे कविता व भाषण आदि कार्यक्रम मुख्य रहे। जिसमे विश्वविद्यालय के अनेक विभागों के छात्र एवं छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मंच संचालन छात्रा शिवानी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, संस्था के केयरटेकर सूफी जहीर अख्तर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार ने माँ सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल ऑफ़ बेसिक एंड अप्लाइड साइंसेज विभाग के हेड डॉ. नवीन कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, संस्था के केयरटेकर सूफी जहीर अख्तर व सभी शिक्षकों, छात्र-छात्राओं का स्वागत कर की, तत्पश्चात डॉ. नवीन कुमार ने सभी छात्रों को गणित सप्ताह में उत्साहपूर्वक भाग लेने हेतु शुभकामनाएं दी। तत्पश्चात असिस्टेंट प्रोफेसर आयुषी अग्रवाल ने सभी छात्र-छात्राओं को गणित सप्ताह में आयोजित होने वाले पूरे कार्यक्रम के संदर्भ में विस्तारपूर्वक बताया। तत्पश्चात अंशिका अग्रवाल ने सभी छात्र-छात्राओं को भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की कठिन जीवन शैली पर प्रकाश डाला और बताया कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में सभी भारतवासी रामानुजन की विरासत का उत्सव क्यों मनाते है। कार्यक्रम में छात्रा आकृति द्वारा कविता प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में छात्रा दिव्या और छात्र नितिन द्वारा विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर डॉ. विश्वास सैनी ने सभी छात्रों को अनिश्चित रूप के सन्दर्भ में बताया कि एक अनिश्चित रूप में दो कार्य शामिल होते हैं, जिनमें केवल व्यक्तिगत कार्य की सीमा निर्धारित की जा सकती है। ये रूप कैलकुलस में आम हैं; वास्तव में, सिद्धार्थ की सीमा की परिभाषा को अनिश्चित रूप की सीमा माना जाता है। तत्पश्चात डॉ. रविंद्र कुमार शर्मा ने ने सभी छात्रों को वैदिक मैथ्स के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया।
इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों एवं सभी छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाये दी। कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने चल रहे इस गणित सप्ताह के अंतर्गत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. विश्वास सैनी ने शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, संस्था के केयरटेकर सूफी जहीर अख्तर का धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम की संयोजक असिस्टेंट प्रोफेसर आयुषी अग्रवाल व सह-संयोजक अंशिका अग्रवाल रही।
इस अवसर पर कार्यक्रम में डॉ. रनविजय, सुमित शर्मा, अब्दुला खान, तनवीर अहमद आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।