आगरा में शहीद दारोगा प्रशांत को पुलिस लाइन में अधिकारियों ने दी सलामी, पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
आगरा । आगरा के खंदौली थाने में तैनात शहीद हुए दारोगा प्रशांत कुमार यादव पुलिस लाइन में एडीजी, आइजी प एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने सलामी दी। इसके बाद स्वजन दारोगा के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बुलंदशहर के पैतृक गांव लेकर रवाना हो गए। उनके साथ आगरा पुलिस भी गई है।
खंदौली थाने में तैनात दारोगा प्रशांत कुमार यादव बुधवार शाम को नहर्रा गांव दो भाइयों के बीच झगड़े की सूचना पर गए थे। गांव में भाइयों शिवनाथ और विश्वनाथ के बीच आलू की फसल को लेकर विवाद हो गया था। शिवनाथ हाथ में तमंचा लेकर आलू की खोदाई करके ले जाने वाले मजदूरों को धमका रहा था।विवाद सुलझाने के लिए खेत पर पहुंचे दारोगा प्रशांत कुमार यादव ने शिवनाथ के हाथ में तमंचा देखा। उसे पकड़ने के लिए पीछे दौड़े तो शिवनाथ ने तमंचे से गोली मार दी। जो प्रशांत की गर्दन में लगी और उनकी मौत हो गई।
प्रशांत कुमार का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे पुलिस लाइन पहुंचा। एडीजी राजीव कृष्ण, आइजी रेंज ए.सतीश गणेश, एसएसपी बबलू कुमार, डीएम प्रभु एन सिंह, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी ग्रामीण सत्यजीत गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों ने दारोगा प्रशांत कुमार को सलामी दी। राज्यमंत्री डा. जीएस धर्मेश और विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने श्रृद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद स्वजन प्रशांत के पार्थिव शरीर को लेकर बुलंदशहर के पैतृक गांव छतारी लेकर रवाना हो गए।
कई घंटे चले प्रयास के बाद पंचनामा भरने काे राजी हुए स्वजन
दारोगा प्रशांत कुमार के स्वजन रात में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंदौली पर पहुंच गए थे। दारोगा का पार्थिव शरीर यहीं पर रखा गया था।स्वजन दारोगा के शव का पंचनामा भरने को राजी नहीं थे। उनका कहना था कि दारोगा काे विवाद की सूचना पर फोर्स के साथ क्यों नहीं भेजा गया। अकेले ही एक पुलिसकर्मी के साथ भेज दिया गया। स्वजन का कहना था कि वह हत्यारोपित की गिरफ्तारी के बाद ही शव का पंचनामा भरेंगे। अधिकारियों और पुलिसकर्मियों द्वारा कई घंटे प्रयास के बाद स्वजन काे मनाया जा सका। इसके बाद गुुरवार तड़के साढ़े तीन बजे पंचनामा भरकर शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।