मनीष सिसोदिया ने EWS एडमिशन और सरकारी स्कूल को लेकर किया ये फैसला

मनीष सिसोदिया ने EWS एडमिशन और सरकारी स्कूल को लेकर किया ये फैसला
  • दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दो ऐलान किया है. सिसोदिया ने कहा कि  निजी स्कूलों में 25 फीसदी एडमिशन EWS के लिए आरक्षित होते हैं.  

नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को दो ऐलान किया है. सिसोदिया ने कहा कि  निजी स्कूलों में 25 फीसदी एडमिशन EWS के लिए आरक्षित होते हैं.  कोरोना की वजह से अभी जनरल कैटेगरी के एडमिशन वालों के परिजन स्कूल नहीं पंहुच रहे हैं. इस वजह से EWS (Economically Weaker Sections)  वालो को  स्कूल एडमिशन नहीं दे रहे है. इसलिए अब अब सरकार ने तय किया है कि जनरल के एडमिशन भले ही ना हुए हो लेकिन सरकार ने जितने EWS के लिए एडमिशन अलॉट किये हैं उन्हें एडमिशन देना होगा

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा किसरकारी स्कूल खुले नहीं है लेकिन सेशन शुरू हो चुके हैं. बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल बंद होने से स्कूल और पेरेंट्स का कोई संपर्क नहीं हो रहा है .सरकार ने स्पेशल पीटीएम  (PTM) करने का फैसला लिया है इसके लिए पेरेंट्स को फिजिकल स्कूल आना होगा. ये PTM 19 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेंगी.  उन्होंने आगे कहा कि हर पेरेंट्स से गुजारिश है इस दो हफ्ते की PTM में ज़रूर मिलें. नगर निगम से डेढ़ लाख बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में आये हैं. छठी क्लास के बच्चों के लिए हमने तय किया है कि नगर निगम और दिल्ली सरकार के टीचर साझा रूप से मीटिंग लेंगे.

शिक्षण सामग्री तक पहुंच स्थापित करने के लिए लॉन्च की ऐप 

मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना – उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम (ईएमसी) की समीक्षा की, जिसकी घोषणा छात्रों को व्यावसायिक मानसिकता के साथ तैयार करने के लिए की गई है. दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान ईएमसी यानी एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम परियोजना में आगे के विकास को लेकर मंगलवार को एक वेब एप्लिकेशन लॉन्च की गई, जो स्कूल प्रबंधन को ईएमसी से संबंधित शिक्षण-शिक्षण सामग्री तक पहुंचने में मदद करेगी.

डिप्टी सीएम और दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा, ईएमसी का उद्देश्य हमारे छात्रों की उद्यमशीलता की मानसिकता पर काम करना और निर्माण करना है. हमारे स्कूल समुदाय, विशेष रूप से हमारे शिक्षकों और स्कूलों के प्रमुखों को ईएमसी को अपने दैनिक शिक्षण और सीखने में एक विषय के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता है.

अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान, सिसोदिया ने कहा कि यह परियोजना केवल एक योजना नहीं है, बल्कि एक अनिवार्य विषय है, जो छात्रों को किसी भी चुनौती को जीतने के लिए आवश्यक मानसिकता और कौशल से लैस करेगा.

उन्होंने कहा, हमें एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम को बहुत गंभीरता से लेना होगा और विश्वास करना होगा और इसके माध्यम से छात्र जो सीख रहे हैं, उसका बेहतर प्रयोग कर पाएंगे. एक विषय के रूप में ईएमसी छात्रों को स्वयं के लिए अवसरों की पहचान करने में मदद करेगा और उन्हें उनके करियर और जीवन में सफल बनाएगा.

बयान के अनुसार, परियोजना को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र अपने दैनिक जीवन में होने वाली बातचीत के माध्यम से सीख सकें. एक अधिकारी ने कहा, ईएमसी के विषय में छात्रों और गतिविधियों की सफलता की कहानियों को साझा करना शामिल है.

बता दें कि इस ऐप के माध्यम से सभी शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के लिए ईएमसी से संबंधित संसाधनों और शिक्षण सामग्री को साझा किया जाएगा. साथ ही ईएमसी कक्षाओं का रियल टाइम डेटा एकत्र किया जा सकेगा और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि इसमें प्रत्येक ईएमसी टीचर्स की प्रतिक्रिया एकत्र किया जा सकता है.

ऐप के माध्यम से शिक्षक सभी ईएमसी संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम होंगे. इसके माध्यम से छात्रों की सफलता की कहानियां भी एकत्र की जाएंगी. सरकार ने बच्चों को उनके विचार के आधार पर बनाए गए प्रोटोटाइप की समीक्षा के बाद 2,000 रुपये देने की भी योजना बनाई है. सोसोदिया ने कहा, अगर बच्चे 25 छात्रों का एक समूह बनाना चाहते हैं और एक उद्यम बनाना चाहते हैं तो हम 50,000 रुपये देने के लिए तैयार हैं.


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