मण्डी शुल्क को अविलम्ब समाप्त किया जाए: शीतल टण्डन

  • उ.प्र.उद्योग व्यापार मण्डल ने भी मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

सहारनपुर [24CN]। मण्डी शुल्क को अविलम्ब समाप्त किए जाने की मांग को लेकर आज उ.प्र.उद्योग व्यापार मण्डल की जिला इकाई ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने ज्ञापन में बताया कि लम्बे अरसे से प्रदेश में मण्डी शुल्क की समाप्ति के लिए आंदोलन कर रहा था। इस बीच पांच जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्पूर्ण देश से मण्डियों का लाईसेंस 9-आर. 6-आर व गेटपास व अन्य प्रावधानों को पूर्णत: समाप्त कर दिया जिससे आम व्यापारी को बड़ी राहत मिली एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया। व्यापार मण्डल मण्डी समिति के अंदर लग रहे शुल्क की समाप्ति की बात भी सदैव उठाता रहा है।

श्री टण्डन ने कहा कि कई राज्यों, विशेषकर निकटवर्ती राज्यों में मण्डी शुल्क नहीं है, कई राज्यों में उद्योगों में छूट है, और जब प्रदेश में मण्डी शुल्क नहीं था तो अनेक उद्यमियों ने यहां पर अपना उद्योग भी स्थापित किया जो अब अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मण्डी अधिनियम में साफ लिखा है कि जो जिस प्रदेश में उत्पाद होगी उस पर वहां मण्डी शुल्क लगेगा परन्तु अब देश व प्रदेश के बाहर से आने वाली जिंसों पर भी शुल्क लग रहा है जैसे कि किराना(मेवा, सुपारी, काली मिर्च, मसाले) आदि वस्तुओं पर मण्डी शुल्क लग जायेगा जो कि असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि मण्डियों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है जितनी फीस सरकार को मिलती है, उससे कई गुना पैसा मण्डी सचिव व कर्मचारियों को जाता है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने इस बात को समझा था तभी उन्होंने इतना अच्छा निर्णय लिया और हम लोगों ने उनको बधाई भी दी थी। आप भी दिन रात एक करके प्रदेशवासियों की सेवा में लगे हैं और उत्तर प्रदेश को ईज टू बिजनेश में दूसरे नम्बर पर ले आये हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून को लाने से भ्रष्टाचार बढेघ्गा, महंगाई बढ़ेगी चूंकि ये टैक्स किसानों से वसूल कर सरकार को देना होता है, इसलिए किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य भी नहीं मिल पायेगा साथ ही व्यापारियों को अनावश्यक लिखापढी, सचल दल का भय सरीखे उत्पीडन का सामना करना पड़ेगा।

ज्ञापन में मांग की गयी कि प्रदेश में मंडी शुल्क समाप्त कर दिया जाये, मण्डी के अंदर कार्य करने वाले व्यापारियों को लाइसेंस जारी करके यूजर चार्ज व अन्य किसी माध्यम से 0.5 प्रतिशत शुल्क लगाया जाये, मण्डी की दुकानों को फ्रीहोल्ड रजिस्ट्री करा दी जाये जिससे सरकार पर खर्चे का भार नहीं पड़ेगा, राजस्व की प्राप्ति भी होगी। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोडा, जिला कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मेजर एस.के.सूरी, रमेश डावर, पवन कुमार गोयल, संदीप सिंघल, कर्नल संजय मिडढा, प्रताप सिंह टक्कर, दर्शन ठक्कर आदि शामिल रहे।