गुरू के सहारे मनुष्य आसानी से भवसागर तर जाता है- आचार्य भगवती प्रसाद शुक्ल
नकुड 5 जुन इंद्रेश। नगर के श्री महादेव मंदिर मे चल रही भागवत कथा मे आचार्य भगवती प्रसाद शुक्ल ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म के प्रसंग का बेहद मनमोहक वर्णन किया। साथ ही गुरू के महत्व पर प्रकाश डाला
श्री राधे गोविंद सेवा समिति ़द्वारा अयोजित भगवत कथा मे उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय वसुदेव व माता देवकी कारागार मे थे पंरतु भगवान का अवतरण होते ही कारागार के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये । माता को बालक की चिंता हुई तो पिता बालक को लेकर उफनती यमुना मे को लेकर नंदगावं पहुचे। भगवान के अवतरण की कथा का वर्णन करते ही श्रौता भक्ति मे लीन हो गये।
आचार्य भगवती प्रसाद ने नवधा भक्ति का समझाया कहा कि रामचरित मानस मे गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी नवधा भक्ति का वर्णन किया है। भक्त नवधा भक्ति मे से किसी एक का अनुसरण करके भगवान को पा सकता है। गुरू के वचनो का पालन करके मनुष्य प्रभु भक्ति को पा सकता है। विश्वास के बिना तो कितना भी बडा कर्म कर ले व्यर्थ ही जाता है।
भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा के उपलक्ष मे कथा स्थल को विशेष रूप से सजाया गया था। कथा से पूर्व सभासद वरूण मिततल ने श्रीमद भागवत का पूजन किया। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता, परमजीत राणा, संजीव चौधरी, प्रतापसिंह , धर्मेद्र राणा, संदीप पुंडीर, रमेश राणा, आकर्षसिंघल, मनोज गोयल, आलोक जैन, हरीश गर्ग, पंकज जैन, विजय त्यागी, विनीत शर्मा , आदि उपस्थित रहे।
