सीएम पद की शपथ लेते ही ममता बनर्जी ने लिखी पीएम मोदी को चिट्टी, रखी ये मांगें
- तीसरी बार संभालने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र (Modi Government) पर जमकर निशाना साधा. ममता ने बुधवार को कहा कि हमारा ऑक्सीजन लेकर केंद्र चली जा रही है. ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी जिसमें उन्होंने कई मांगें की हैं.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद आज लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सीएम पद की शपथ लेते ही ममता बनर्जी एक्शन में आ गईं. तीसरी बार संभालने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा. ममता ने बुधवार को कहा कि हमारा ऑक्सीजन लेकर केंद्र लेकर चली जा रही है. ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी जिसमें उन्होंने कई मांगें की हैं. चिट्ठी में ममता ने पीएम मोदी से बंगाल के सभी लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीन देने की मांग भी की है.
अपनी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने लिखा कि ‘कोविड के प्रबंधन पर मैं पर्याप्त टीके के साथ-साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति, अस्पतालों में पर्याप्त बेड्स, आवश्यक दवाओं और सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण के लिए अनुरोध करती हूं.’ ममता बनर्जी ने आगे लिखा कि ‘हमें हर दिन रेमेडिसविर की कम से कम 10,000 खुराक और टोसीलिज़ुमाब की 1000 शीशियों की आवश्यकता होती है. जिसे केंद्र सरकार प्रदान करे’
डीजीपी और एडीजी बदले गए
ममता बनर्जी ने आज तीसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही डीजीपी और एडीजी को बदल दिया है और सभी एसपी को हिंसा रोकने का आदेश दिया गया है. चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल के डीजीपी बनाए गए नीरज नयन पांडेय को दमकल विभाग भेज दिया गया है, जबकि एडीजी जगमोहन को सिविल डिफेंस. उनकी जगह पर विरेंद्र को प्रदेश का नया डीजीपी बनाया गया है, जबकि जावेद शमीम को प्रदेश का नया एडीजी बनाया गया है.
पीएम मोदी को दिया जवाब
चुनावों में टीएमसी की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ममता दीदी को बधाई देते हुए केंद्र के पूरे सहयोग का आश्वासन दिया था. पीएम के ट्वीट के जवाब में ममता ने भी ट्वीट किया है और लिखा कि ‘धन्यवाद नरेंद्र मोदीजी. पश्चिम बंगाल के हित को ध्यान में रखते हुए मैं केंद्र सरकार के निरंतर समर्थन की उम्मीद करती हूं. मैं अपना पूरा सहयोग देते हुए उम्मीद करती हूं कि मिलकर हम कोरोना की महामारी और अन्य चुनौतियों के खिलाफ लड़ सकते हैं और केंद्र-राज्यों के संबंध में नए मानदंड स्थापित कर सकते हैं.’