लंदन । भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या बुधवार को भारत में कानूनी कार्यवाही की फीस चुकाने के लिए अदालत के पास जमा राशि हासिल करने की अपील हार गया। लंदन स्थित हाई कोर्ट ने कहा कि 7.5 लाख पौंड हासिल करने के लिए 65 वर्षीय कारोबारी अपील के समर्थन में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने में विफल रहा।
वर्चुअल सुनवाई के दौरान जस्टिस राबर्ट माइल्स ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम के पक्ष में फैसला सुनाया। उन्होंने माल्या को अपील की लागत का 95 फीसद वहन करने का आदेश दिया क्योंकि भारतीय बैंक काफी हद तक सफल रहे हैं और अदालत के पास जमा रकम की और मंजूरी हासिल करने से रोकने की लड़ाई में विजेता रहे हैं।
जस्टिस माइल्स ने कहा कि मांगी गई राशि काफी ज्यादा थी। इसमें 5.5 लाख पौंड पहले किए जा चुके खर्चो के संबंध में मांगे गए जबकि दो लाख पौंड भविष्य के खर्चो के लिए मांगे गए थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यवाहियों के दौरान हुए खर्चो का ब्योरा नहीं दिया गया। खर्चो के संदर्भ में न तो रसीदें, न ही बिल और न ही अन्य साक्ष्य उपलब्ध कराए गए। जस्टिस माइल्स ने कहा, ऐसा लगता है कि भारत में कार्यवाही रुक गई है।
इससे पहले डिप्टी इंसोल्वेंसी एंड कंपनीज कोर्ट के जज निगेल बार्नेट ने फरवरी में अपने आदेश के जरिये माल्या को कोर्ट के पास जमा राशि में से करीब 11 लाख पौंड खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। माल्या ने यह रकम अपने रहन-सहन और भारत व ब्रिटेन में कानूनी खर्चो के लिए मांगी थी।