कहावत में छलका मल्लिकार्जुन खरगे का दर्द, महाराष्ट्र कांग्रेस में जारी पतझड़ पर कही ये बात

कहावत में छलका मल्लिकार्जुन खरगे का दर्द, महाराष्ट्र कांग्रेस में जारी पतझड़ पर कही ये बात

मुंबई: महाराष्ट्र में कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा पार्टी का दामन छोड़ने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का दर्द छलक पड़ा। खरगे ने एक पुरानी कहावत ‘कहूं तो मां मारी जाए, न कहूं तो बाप कुत्ता खाए’ कहते हुए कहा कि अब ऐसे हालात हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन्हें सब कुछ दिया गया वे लोग ही घर छोड़कर चले गए। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण समेत कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों का दामन थामा है।

खरगे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से क्या कहा?

महाराष्ट्र कांग्रेस के दो दिवसीय राज्यस्तरीय शिविर को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में हम सभी को हिस्सा लेना है और इसमें हमें एकजुट होकर काम करना है। अब बहुत मुश्किल हो गया है। अब मैं कहूं या न कहूं, यह स्थिति हो गई है कि ‘कहूं तो मां मारी जाए, न कहूं तो बाप कुत्ता खाए’, वैसा हो गया है। जिन लोगों को सब कुछ मिला वे घर छोड़कर चले गए। जो साथ हैं वे इस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, विधायक हैं। आप लोग जमीन से जुड़े हुए कार्यकर्ता है, इसीलिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आपने इतनी बड़ी शक्ति हमें दी है।’

3 दिग्गजों के पार्टी छोड़ने से हिली कांग्रेस

बता दें कि महाराष्ट्र कांग्रेस से हाल के दिनों में कई बड़े नेताओं ने इस्तीफा देकर दूसरे पार्टियों का दामन थाम लिया है। मिलिंद देवड़ा ने शिवसेना का दामन थामा और उन्हें राज्यसभा का टिकट भी मिल गया। बाबा सिद्दीकी ने एनसीपी का दामन थाम लिया और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी बीजेपी को अपना अगला ठिकाना बनाया। अशोक चव्हाण को भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा का उम्मीदवार भी बनाया है। एक के बाद एक कांग्रेस के 3 दिग्गज नेताओं के साथ छोड़ने के बाद कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायकों के पार्टी छोड़ने की आशंका जताई जा रही है।

 

विधायक दल की बैठक से 6 MLA गायब

गुरुवार को हुई कांग्रेस विधायक दिल की बैठक में 6 विधायकों के न आने से कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में लोनावला में होने वाला 2 दिन का शिविर बेहद अहम बन गया है। 16 और 17 फरवरी को महाराष्ट्र के लोणावला में कांग्रेस का राज्य स्तरीय अधिवेशन बुलाया गया है। इस शिविर में राज्य भर से 350 से ज्यादा कांग्रेस के नेता शामिल होंगे, इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता भी शिविर में शिरकत करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ऑनलाइन इस शिविर का उद्घाटन किया।

बंगाल और बिहार में भी कांग्रेस को बड़ा झटका

बता दें कि मुकुल वासनिक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी इस शिविर में आएंगे। कांग्रेस के कितने विधायक इस शिविर में हिस्सा लेते हैं, इस पर नजर रहेगी। आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति, नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश इस शिविर के दौरान की जाएगी।  बंगाल और बिहार जैसे प्रदेशों में अहम सहयोगियों द्वारा INDI अलायंस से दूरी बनाने के बाद महाराष्ट्र में अपने नेताओं द्वारा पार्टी छोड़कर जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।


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