‘माताजी बोलने में एक्सपर्ट हैं’, वित्तमंत्री पर मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट को लेकर राज्यसभा में किया कटाक्ष

‘माताजी बोलने में एक्सपर्ट हैं’, वित्तमंत्री पर मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट को लेकर राज्यसभा में किया कटाक्ष

बीते दिन लोकसभा में बजट पेश किया गया, आज बजट को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज यानी बुधवार को केंद्रीय बजट 2024-25 की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह बजट राज्यों के प्रति कथित रूप से भेदभावपूर्ण है। खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में दो राज्य- बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों की ‘प्लेटें’ खाली छोड़ दी गईं।

‘कुर्सी बचाने के लिए है बजट’

खड़गे ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अपने गृह राज्य कर्नाटक का नाम लेते हुए कहा, “किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला।” साथ ही आरोप लगाया कि यह बजट केवल “कुछ लोगों को खुश करने” और कुर्सी बचाने के लिए है। सदन में सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि हमें (कर्नाटक) सबसे ज्यादा मिलेगा। लेकिन हमें कुछ भी नहीं मिला।”

‘माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं’

जैसे ही राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता से सीतारमण को जवाब देने के लिए कहा, खरगे ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं बोल देता हूं। माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं मुझे मालूम है। मुझे अपनी बात पूरी करने दीजिए। माताजी बोलने में माहिर हैं, ये मुझे मालूम है।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्यसभा से बाहर निकलने से पहले कहा, “ये कुर्सी बचाने के लिए ये सब हुआ है, हम इसकी निंदा करेंगे और इसका विरोध करेंगे। सभी भारतीय गठबंधन दल इसका विरोध करेंगे, अगर संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?”

वित्तमंत्री ने दिया जवाब

भेदभाव के आरोपों से इनकार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बजट भाषण में हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं है। पालघर जिले में प्रस्तावित गहरे समुद्र बंदरगाह का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा, “मैं उदाहरण के लिए महाराष्ट्र का उदाहरण लेती हूं, वोट ऑन अकाउंट और कल के बजट के बीच, कैबिनेट ने वधावन में एक बहुत बड़ा बंदरगाह स्थापित करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।”

आरोपों को बताया ‘अपमानजनक’ 

वित्त मंत्री ने खरगे से व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “क्या महाराष्ट्र को इसलिए नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि इसमें महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया? उस परियोजना के लिए 76,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।” विपक्ष के आरोपों को ‘अपमानजनक’ बताते हुए सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर जानबूझकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। सीतारमण ने कहा, “मैं जिम्मेदारी के साथ कह रही हूं कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टियों का ‘जानबूझकर किया गया प्रयास’ है, ताकि लोगों में गलत धारणा पैदा की जा सके कि उनके राज्यों को धन या योजनाएं नहीं दी गईं।”

विपक्ष ने किया विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव को लेकर बुधवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और वामपंथी दलों के कई सांसद संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

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