मालदीव और UAE ने इस्लामोफोबिया पर OIC में भारत के खिलाफ गुट बनाने की पाकिस्तानी कोशिश को किया नाकाम
- पाकिस्तान इस्लामोफोबिया को लेकर भारत के खिलाफ ओआईसी राजनयिकों का अनौपचारिक समूह बनाना चाहता था
- मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान की इस कुटिल चाल को नाकाम कर दिया
- पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक दोनों देशों की वजह से इस्लामाबाद की कोशिश नाकाम हो गई
नई दिल्ली
पाकिस्तान ने इस्लामोफोबिया (Islamophobia) को लेकर भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ (OIC) ‘यानी इस्लामिक सहयोग संगठन’ के राजनयिकों का एक अनौपचारिक समूह बनाने की पुरजोर कोशिश की थी। लेकिन मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान की इस कोशिश को नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन में इस बारे में रिपोर्ट छपी है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने 23 मई को ही रिपोर्ट दी थी कि मालदीव ने राजनयिकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में OIC से कहा था कि भारत पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाना न सिर्फ तथ्यात्मक रूप से गलत है बल्कि यह दक्षिण एशिया में धार्मिक सद्भावना के लिए भी नुकसान पहुंचाने वाला है।
यूएई ने भी पाकिस्तान के इस कदम का यह कहते हुए समर्थन नहीं किया कि ऐसे किसी समूह को सिर्फ विदेश मंत्रियों के स्तर पर बनाया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में मालदीव की स्थायी प्रतिनिधि थिलमीजा हुसैन ने कहा कि उनका देश पूरी दृढ़ता से इस्लामोफोबिया, जेनोफोबिया (विदेशियों से भय, नापसंदगी की मानसिकता) और राजनीतिक या किसी अन्य अजेंडे को बढ़ाने के लिए किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ है। लेकिन माले यह भी मानता है कि किसी खास देश को निशाना बनाना असल मुद्दे से भटकाने जैसा है।
थिलमीजा हुसैन न सिर्फ यूएन में मालदीव की स्थायी प्रतिनिधि हैं बल्कि अमेरिका में राजदूत भी हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि ‘सोशल मीडिया पर किसी मंशा से दिए गए इक्के-दुक्के बयानों या गलत जानकारी फैलाने के अभियानों’ को 130 करोड़ लोगों की भावनाओं के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।