मुस्लिमो के लिये पटाखा बनाना बेचना व छुडाना नाजायज
उलेमा ने मुस्लिमों को दी आतिशबाजी से बचने की नसीहत
देवबंद: पटाखों का बनाना बेचना और छुडाना इस्लाम धर्म में नाजायज व हराम है और मुस्लिमों को इससे बचना चाहिये।
इत्तिहाद उलेमा ए हिन्द के प्रदेश सचिव मुफ्ती अब्दुल वकील कासमी ने जारी बयान में उक्त विचार व्यक्त करते हुये कहा कि आतिश बाजी पटाखेबाजी इस्लाम धर्म में नाजायज है और शरियत में इसका कोई उल्लेख भी नही मिलता। उन्होने कहा कि यह गैर मुस्लिमो का तरीका है और मुसलमानों को पटाखे बनाने या बेचने से परहेज करना चाहिये क्योकि इसकी कमाई भी जायज नही है।
उन्होने कहा कि मुस्लिमों को पटाखे बिल्कुल नही छुडाने चाहिये क्योकि यह अपने पैसे में खुद ही आग लगाने जैसा है। कहा कि मुस्लिमों को इसकी बजाय बच्चो की शिक्षा व गरीबों की मदद करने में पैसे खर्च करने चाहिये किसी भी तरह की आतिशबाजी से दूर रहना चाहिये। एक सवाल के जवाब मे कहा कि दूसरे लोग अपने त्योहार पर पटाखे छुडाते है वो उनका अपना मामला है उससे हमे कोई लेना देना नही है लेकिन मुस्लिमों को इससे बचना चाहिये।
उन्होने कहा कि कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली व एन सी आर में आतिश बाजी पर रोक लगायी थी कोर्ट का मानना था आतिश बाजी से वातावरण दूषित होता है।