शिक्षा की अलख जगाई थी महात्मा ज्योतिबा फुले ने

- सहारनपुर में ज्योतिबा फुले की जयंती मनाते अनुयायी।
सहारनपुर। पिछड़ा समाज सत्ता मोर्चा के तत्वावधान में शिक्षा के मसीहा महात्मा ज्योतिबा फुले का 195वां जन्मदिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पिछड़ा समाज सत्ता मोर्चा के कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर ंिसह सैनी ने कहा कि महात्मा फुले ने अपना पूरा जीवन अनेक सामाजिक कार्यो में व्यतीत किया। उन्होंने 1855 में रात्रि विद्यालयों की स्थापना की थी तथा 1860 में विधवा पुनर्विवाह के कार्यक्रम आयोजित किए। इसी कड़ी में 1873 में सत्यबोधक समाज की स्थापना की।
सेवानिवृत्त निरीक्षक प्रीतम सैनी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने 1848 में कन्या शिक्षा हेतु एक विद्यालय प्रारम्भ किया था तथा उनकी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले ने महिला शिक्षा की अलख जगाई थी। उन्होंने बताया कि ज्योतिबा फुले ने हमेशा पिछड़ों, दलितों व क्षूद्रों के उत्थान के लिए अपनी पत्नी के साथ मिलकर अथक संघर्ष किया।
सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश सैनी ने कहा कि ज्योतिबा फुले द्वारा वर्ष 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती का जुलूस मुंबई में अपनी देखरेख में सहानुभूतिपूर्वक निकलवाया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता महावीर सिंह सैनी व संचालन ओमप्रकाश वर्मा ने किया। इस दौरान विजय सिंह सैनी मुखिया, राजकुमार सैनी एडवोकेट, नरेंद्र सैनी, मुकेश कपिल, सुरेंद्र सिंह, ऋषिपाल एडवोकेट, अतर सिंह सैनी आदि मौजूद रहे।