महाराष्ट्रः वारकरी संप्रदाय ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को हिंदू विरोधी घोषित किया

महाराष्ट्रः वारकरी संप्रदाय ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को हिंदू विरोधी घोषित किया

भगवान श्री विठ्ठल के भक्तों की प्रमुख संस्था राष्ट्रीय वारकरी परिषद ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उनका बहिष्कार करने का फैसला किया है। परिषद की तरफ से जारी परिपत्रक में वक्ते महाराज ने कहा है कि पवार को वारकरी समुदाय के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित न किया जाए। आशंका है कि इससे विवाद बढ़ सकता है।

राष्ट्रीय वारकरी परिषद के वक्ते महाराज का कहना है कि पवार हमेशा से हिंदू धर्म का विरोध करते रहते हैं। कभी रामायण पर कटाक्ष करते हैं। वह कहते हैं कि रामायण की आवश्यकता नहीं है। पांडुरंग की पूजा में गैरहाजिर रहते हैं। पवार नास्तिक मंडली को समर्थन देते हैं। पैसे के लालच में अगर कोई उन्हें बुलाता है तो यह अधर्म ही है।

इसलिए वारकरियों के किसी भी कार्यक्रम में शरद पवार को न बुलाया जाए। बता दें कि महाराष्ट्र में वारकरी परिषद का खासा प्रभाव है। विशेष रूप से मुंबई, पुणे, मराठवाड़ी और विदर्भ में वारकरी बड़ी संख्या में है। वक्ते महाराज को साल  2018 में महाराष्ट्र सरकार ने ज्ञानबा तुकाराम पुरस्कार से सम्मानित किया था।  हिंदुवादी संगठनों से उनका घनिष्ठ संबंध बताया जाता है।

क्या है वारकरी संप्रदाय

वारकरी भगवान विठ्ठल (श्रीकृष्ण)-रुक्मिणी को मानते हैं।  इस संप्रदाय के लोग सोलापुर जिले के पंढरपुर मंदिर में स्थापित भगवान विठ्ठल की परिक्रमा करते हैं और संयमित जीवन व्यतीत करते हैं। वे भजन-कीर्तन, नाम स्मरण तथा चिंतन आदि में सदा लीन रहते हैं। इस संप्रदाय के प्रवर्तकों में संत ज्ञानेश्वर का स्थान महत्वपूर्ण है।
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