महाराष्ट्र MLC चुनाव नतीजे: NCP बोली- उद्धव सरकार का तख्तापलट करने का ख्वाब छोड़ दे BJP

महाराष्ट्र MLC चुनाव नतीजे: NCP बोली- उद्धव सरकार का तख्तापलट करने का ख्वाब छोड़ दे BJP

मुंबई : महाराष्ट्र के विधान परिषद चुनावों में महा विकास अघाड़ी (MVA) के शानदार प्रदर्शन के बाद एनसीपी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि मतदाताओं ने बीजेपी को खारिज कर दिया है और अब उसे राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार का तख्तापलट करने का ख्वाब देखना छोड़ देना चाहिए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने किले (पुणे और नागपुर) भी बचा नहीं पाए.
तपासे ने कहा, पढ़े-लिखे वोटर यह समझ गए हैं कि बीजेपी महाराष्ट्र को आगे लेकर नहीं जा सकती और केंद्र में बीजेपी ने आर्थिक विकास को लेकर जो वादे किए थे वो झूठे निकले. महा विकास अघाड़ी ने कोरोना के संकट को बेहतरीन तरीके से संभाला जबकि बीजेपी नेतृत्व सिर्फ सरकार को बदनाम करने में लगा रहा.

यह MVA की बड़ी जीत: शरद पवार

एनसीपी नेता शरद पवार ने एमएलसी चुनावों को लेकर कहा कि यह महा विकास अघाड़ी की बड़ी जीत है. हमने नागपुर सीट पर कब्जा जमाया है, जो हमारे पास कभी नहीं रही. ये नतीजे दिखाते हैं कि जो काम एमवीए ने एक साल में किए हैं, वो लोगों को पसंद आए. आम लोगों ने इस गठबंधन को स्वीकार कर लिया है.

कांग्रेस ने भी बोला हमला

वहीं कांग्रेस ने भी चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी पर निशाना साधा. पार्टी नेता सचिन सावंत ने कहा कि यह बीजेपी के अंत की शुरुआत है. उसकी नीतियों को राज्य के युवाओं ने खारिज कर दिया है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि हम जल्द 150 के आंकड़े को छुएंगे लेकिन देखिए क्या हुआ. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपना गढ़ नागपुर भी बचा नहीं पाई, जो उसके पास 50 वर्ष से था.

बीजेपी को बड़ा झटका

बता दें कि महाराष्ट्र के विधान परिषद चुनावों में बीजेपी को करारा झटका लगा है. स्नातक और शिक्षक इलाकों की 6 में से 4 सीटों पर सत्ताधारी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने बाजी मारी है. धुले-नंदुरबार से एक सीट (उपचुनाव) बीजेपी के खाते में गई है. अमरावती शिक्षक की एक सीट पर मतगणना जारी है और उस पर निर्दलीय विधायक आगे है. बीजेपी अपने दो गढ़ पुणे और नागपुर भी बचा नहीं पाई.

नागपुर स्नातक सीट का जाना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले 5 दशकों से यह बीजेपी और आरएसएस का गढ़ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधरराव फडणवीस 12 साल इस सीट से प्रतिनिधि रहे. वहीं बीजेपी नेता और केंद्र मंत्री नितिन गडकरी का इस सीट पर 25 साल दबदबा रहा.