महामृत्यंज्य मंत्र का महारूद्राभिषेक करने से मिलती है असाध्य रोगों से मुक्ति

महामृत्यंज्य मंत्र का महारूद्राभिषेक करने से मिलती है असाध्य रोगों से मुक्ति
  • सहारनपुर में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक करते श्रद्धालु।

सहारनपुर [24CN]। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि महामृत्युंज्य मंत्र द्वारा महारूद्राभिषेक करने से सभी असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज आज यहां राधा विहार स्थित औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में रूद्री पाठ एवं संजीवनी महामृत्युंज्य मंत्र द्वारा आयोजित महारूद्राभिषेक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महामृत्युंज्य मंत्र के प्रभाव से समस्त असाध्य रोगों से मुक्ति मिलत है। महामृत्यंज्य मंत्र के सात्विक देव भगवान सदाशिव महादेव हैं। शिव शत, रज, तम का संयुक्त गुणात्मक परम तत्व को धारण करने वाला आधार है।

उन्होंने कहा कि मानव के अपकृत्य एवं प्रकृति हनन के कारण शत, रज, तम में असंतुलन का परिणाम महामारी, महाप्रलय जैसा महासंकट होता है। इसको शिव ही संतुलित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सृष्टि के सृजन से संहार तक का सतत् कर्म ही सृष्टि संचालन है। महामृत्युंज्य मंत्र इसमें ब्रह्म कर पूर्ण पूजा सकारात्मक रूप में समाहित है जो मृत्यु को भी पराजित कर सकती है। परंतु जागृत होने पर शिव की परम शक्ति ही जागृत भाव में जीवन-मरण को धारण करती है।

उन्होंने कहा कि महामृत्युंज्य मंत्र शाश्वत विज्ञान है जो बुद्धि से नहीं भक्ति व साधना से जागृत होता है जिसके जागृत एवं चेतन भाव से ही जीव एवं जगत का कल्याण संभव है। इस दौरान आचार्य अजीत शर्मा, पं. नीरज मिश्रा, योगेश तिवारी, ऋषभ शर्मा, वासुदेव वत्स, अनिकेत राय, अश्विनी काम्बोज आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।