महाराष्ट्र का महाड्रामा: बहुमत के लिए आश्वस्त भाजपा को एक और उलटफेर की उम्मीद
शुक्रवार देर रात और शनिवार तड़के महाराष्ट्र की राजनीति में जो कुछ हुआ इसकी पटकथा तीन दिन पहले ही लिखी जा चुकी थी। लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस को एनसीपी से मिल कर आगे बढने की अमित शाह से हरी झंडी मिली। इसके बाद सरकार बनाने की पूरी पटकथा बृहस्पतिवार तक लिख ली गई। पूरी पटकथा को जमीन पर उतारने का सिलसिला शुक्रवार को पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव के दिल्ली से मुंबई पहुंचने पर शुरू हुआ।
सूत्रों के मुताबिक सीएम पद से इस्तीफा देने से पहले फडणवीस ने शाह को एनसीपी से समर्थन मिलने की संभावना व्यक्त की थी। फडणवीस चाहते थे कि इस्तीफा देने से पहले एनसीपी से संपर्क साधा जाए। हालांकि तब शाह ने इसकी अनुमति नहीं दी। शाह चाहते थे कि शिवसेना पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरे। इसके बाद जब एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं की आधिकारिक बैठकों का दौर शुरू हुआ और इस दौरान शिवसेना ने भाजपा पर लगातार हमला शुरू किया तब शाह ने अचानक मंगलवार को फडणवीस को पवार से संपर्क साधने की हरी झंडी दी।
ऐसा रहा पूरा घटनाक्रम
रात ढाई बजे राष्ट्रपति ने सिफारिश पीएम को भेजी, जिसे पीएम ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर स्वीकार कर लिया। इसके बाद राष्ट्रपति ने सुबह 5.45 बजे राष्ट्रपति शासन हटाने संबंधी पत्र राजभवन भेजा। फिर राज्यपाल ने सुबह सात बजे फडणवीस को सीएम और अजित पवार को डिप्टी सीएम की शपथ दिला दी।
पवार की सैद्धांतिक सहमति?
इससे पहले सरकार बनाने के लिए मिले समय से आठ घंटे पहले राज्यपाल से तीन दिन का समय मांग कर, इससे पहले कांग्रेस की शिवसेना को समर्थन के सवाल पर हामी के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव से बात न होने की दलील दे कर और बुधवार को अचानक किसानों की समस्या के बहाने पीएम मोदी से मुलाकात कर पवार ने लगातार संकेत दिए।
केंद्र में भी बदलेगा समीकरण
पिछले चुनाव में भी पवार ने की थी मदद
बीते विधानसभा चुनाव में भी 122 सीटें जीतने वाली भाजपा बहुमत से दूर थी। तब भी शिवसेना लगातार भाजपा को तेवर दिखा रही थी। फिर पवार से समर्थन मिलने के भरोसे के बाद भाजपा ने वहां अल्पमत सरकार बनाई। इसके बाद जब एनसीपी-भाजपा के सीधे सीधे गठबंधन की नौबत आई तो शिवसेना ने हथियार डाल दिए। इस बार हथियार न डालने के कारण फिर भाजपा को एनसीपी से सहारा मिला है।
भतीजों की बदौलत भाजपा ने पलटी बाजी