माफिया अतीक के गढ़ में वर्चस्व स्थापित करने लगा था डॉन जीवा, दबदबा कायम करने लिए नैनी जेल में ढाया था कहर
नैनी: लखनऊ की कोर्ट में हुए शूटआउट में मारा गया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा दो साल तक यहां नैनी सेंट्रल जेल में भी बंद रहा है। इस दौरान उसने जेल में अपना दबदबा बनाने की कोशिश की।
लोगों को धमकाने और जमीनों कब्जा दिलाने का काम करने लगा था, हालांकि पुलिस रिकार्ड में यहां किसी केस में उसका नाम नहीं है। गैंगवार की आशंका के चलते ही उसे यहां से दूसरी जेल भेज दिया गया था।
नैनी जेल प्रशासन ने खंगाला रिकॉर्ड
बुधवार दोपहर बाद उसकी हत्या की खबर मिली तो नैनी जेल प्रशासन ने भी रिकॉर्ड खंगाला। जेल के रजिस्टर में उसका नाम संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा उर्फ डाक्टर उर्फ दीपक उर्फ नवीन पुत्र ओमप्रकाश और पता गांव आरमपुर थाना भौरा कला जनपद मुजफ्फरनगर लिखा है। उस समय उसे धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया था।
पहले आजमगढ़ जेल में रखा गया फिर 12 अप्रैल 2010 को नैनी सेंट्रल जेल लाया गया था। जीवा को सर्किल दो की बैरक में रखा गया था। जेल में वर्चस्व स्थापित करने के लिए उसने एक-दो बार मारपीट भी की थी। 24 अप्रैल 2012 को उसे जिला कारागार रायबरेली भेज दिया
2 साल तक नैनी जेल में रहा बंद
जीवा नैनी जेल में करीब दो साल तक बंद रहा है। बुधवार को उसके कत्ल की जानकारी मिलने पर रिकार्ड चेक किया गया और तब तैनात रहे जेल कर्मियों से बात की गई।-रंगबहादुर, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, नैनी सेंट्रल जेल