फ्रांस के विरोध में मदरसा छात्राओं की आनलाईन मुहिम शुरू अभियान के तहत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं का होगा प्रसार

- फ्रांस की चीजों के बदले स्वदेशी चीजों के प्रयोग का आहवान करती मदरसे की छात्राएं।
देवबंद [24CN] : शुक्रवार को फ्रांस में मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी किये जाने के विरोध में मदरसा आयशा सिद्दीका कासिमुल उलूम लिलबिनात द्वारा नबी ए रहमतज शीर्षक से १० दिवसीय कैंपेन की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही मदरसे की छात्राओं ने फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
नगर के मोहल्ला अबुल बरकात स्थित मदरसा प्रांगण में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मदरसे के संचालक मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि रसूल ए करीम की शान में गुस्ताखी से पूरी दुनिया के मुसलमानों में बैचेनी है।
हम भारत सरकार से अपने गुस्से का इजहार करते हुए मांग करते हैं कि विदेश मंत्रालय द्वारा फ्रांस के समर्थन में दिए गए ब्यान को तुरंत वापस लिया जाए। मौलाना ने कहा कि इसके साथ ही हम सबकी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम पूरी दुनिया को यह बताए कि मोहम्मद साहब की शिक्षाएं क्या हैं। उन्हें नबी ए रहमत क्यों कहा जाता है। इसी जिम्मेदारी को निभाने के लिए मदरसे की छात्राएं द्वारा नबी ए रहमत शीर्षक से दस दिवसीय कैंपेन की शुरुआत की गई है। मदरसे की प्रधानाचार्या और कैंपेन की संरक्षक इफ्फत नदीमुल वाजदी ने बताया कि इस अभियान के तहत देशभर में मौजूद मदरसे की छात्राएं इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से मोहम्मद साहब की शिक्षा का प्रसार करेंगी साथ ही फ्रांस में बनने वाली सभी चीजों का बायकाट और उनके बदले देश में बनने वाली चीजों के इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरुक करेंगी। बताया कि इस अभियान के तहत बैनर, पोस्टरों के अलावा देहात क्षेत्र में घर-घर जाकर भी लोगों तक मोहम्मद साहब की शिक्षा को पहुंचाया जाएगा। इस दौरान छात्रा समरीन, फातिमा सना शाहिद, गुलअफशा राव, उजमा हशमत, हमनशीं, के अलावा मुफ्ती मैराज कासमी, मुफ्ती शाकिर कासमी, मौलाना महमूद रहमान आदि मौजूद रहे।