APJ कलाम से सीखो…मुस्लिमों पर चिल्ला रहे मदनी को फडणवीस से मिला करारा जवाब
देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उनका सीधे तौर पर कहना है कि यह जो बयानबाजी हो रही है, यह पूरी तरीके से गलत है और यह कुतर्क है कि यहां पर यानी कि भारत में मुसलमानों को मौका नहीं दिया जाता। अगर सच्चा मुसलमान हो, देशभक्त हो और कुछ करने का जज्बा हो तो फिर एपीजे अब्दुल कलाम हम सबके सामने है और यह वो शख्सियत हैं जिनसे हर मुसलमान को और हर इंसान को सीख लेनी चाहिए।
New Delhi : अरशद मदनी ने हाल फिलहाल एक बयान दिया जिसमें उन्होंने मुसलमानों की स्थिति को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों की स्थिति यह है कि वह वाइस चांसलर तक नहीं बन सकते। जबकि आप विदेशों में जाकर देखेंगे तो बड़े-बड़े पदों पर मुसलमान कार्यरत है। अरशद मदनी का यह बयान सामने आया तो पूरा देश दो खेमों में बटा हुआ नजर आया और प्रतिक्रिया देता हुआ नजर आया। इनमें से एक खेमा वो था जो निश्चित तौर पर मदनी के सपोर्ट में था। इस खेमे का काम था यह कहना कि मदनी साहब बिल्कुल ठीक कह रहे हैं और दूसरे खेमे ने सबूतों के साथ नाम के साथ यह बताने की कोशिश की कि मदनी पूरी तरीके से गलत है। उनके दावे गलत है और इस तरीके का बयान उनकी तरफ से नहीं आना चाहिए। अरशद मदनी ने जो कुछ भी कहा उसके बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उनका सीधे तौर पर कहना है कि यह जो बयानबाजी हो रही है, यह पूरी तरीके से गलत है और यह कुतर्क है कि यहां पर यानी कि भारत में मुसलमानों को मौका नहीं दिया जाता। अगर सच्चा मुसलमान हो, देशभक्त हो और कुछ करने का जज्बा हो तो फिर एपीजे अब्दुल कलाम हम सबके सामने है और यह वो शख्सियत हैं जिनसे हर मुसलमान को और हर इंसान को सीख लेनी चाहिए।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारत में अब्दुल कलाम जैसे राष्ट्रपति हुए जो मुसलमान समुदाय के लिए गर्व की बात है और हम सब उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने हमेशा अपना जीवन ईमानदारी और ऊंचे हौसले के साथ जिया। ऐसे लोगों को ही उदाहरण बनाकर आगे रखा जाना चाहिए। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए देवेंद्र फडनवीस अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नजर आए और जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के हालिया बयान पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे सामने एपीजे अब्दुल कलाम जैसे मुसलमान भी तो हैं। एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान शख्सियत भी तो हैं जिन्हें एक सच्चे आइकॉन के रूप में देखा जाना चाहिए।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के उस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है, उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट जांच के दायरे में आई अल फलाह यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। इस पर बीजेपी ने रविवार को पलटवार करते जिसमें हुए कहा कि ‘आतंकी बचाओ जमात’ सक्रिय हो गई है।
मुख्यालय में एक कार्यक्रम में कहा कि जहां जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर चुने जा सकते हैं। एक खान लंदन का मेयर बन सकता है। वहीं भारत में मुसलमान यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तक नहीं बन सकते। मदनी ने आगे कहा कि और अगर कोई बन भी जाता है, तो उसे आजम खान की तरह जेल भेज दिया जाएगा। आज अल फलाह के साथ जो हो रहा है, उसे देखिए। इसके संस्थापक जेल में हैं और कोई नहीं जानता कि वह कितने साल जेल में रहेंगे।
