हरियाणा की अदालत के फैसले का स्वागत, मदनी बोले- नियमानुसार वीजा लेकर आए विदेशी जमाती

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि विदेशी जमात के सभी लोग नियामानुसार वीजा लेकर आए थे। यह आज का कोई नया सिलसिला नहीं है, बल्कि देश की आजादी के बाद से इसी प्रकार से लोग आते रहे हैं। हरियाणा की एक अदालत की ओर से छह देशों के 57 विदेशी जमातियों को विदेशी नियमों के तहत लगाई गई सभी धाराओं को निराधार मानते हुए उन्हें बरी किए जाने के बाद मौलाना ने यह बात कही।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि नूह की अदालत ने इन विदेशियों के लिए जो रुख अपनाया है उसे हम सम्मान की नजर से देखते हैं और आशा करते हैं कि हरियाणा की तरह ही देश के अन्य राज्यों की अदालतें भी उन्हें अपना अतिथि समझ कर नम्रता का व्यवहार करेंगी।

उन्होंने कहा कि हमने पहले से ही विदेशियों का डेटा जारी करते हुए कहा था कि सांप्रदायिक मीडिया के प्रोपेगेंडा ने कोरोना फैलाने का जिम्मेदार तब्लीगी जमात को ही बना दिया है। जिसके कारण यह विदेशी अतिथि परेशानी में हैं। डेटा के अनुसार पूरे देश में लगभग 1640 विदेशी हैं, जिनमें केवल दिल्ली में 906 और शेष देश के अन्य राज्यों में हैं।

मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि अदालत ने जिन जमातियों को रिहा किया उनमें इंडोनेशिया के 11, श्रीलंका के 24, साउथ अफ्रीका के पांच, बांग्लादेश के 11, थाइलैंड के छह और नेपाल के एक जमाती शामिल हैं। ये सभी लोग लॉकडाउन से पहले मेवात के विभिन्न गांवों में जमात में आए हुए थे। बांग्लादेश की एक जमात में पांच महिलाएं भी अपने पतियों के साथ शामिल थीं। इन विदेशी जमातियों को मेवात पुलिस ने दो अप्रैल को हिरासत में लेकर उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।


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