मां सरस्वती ज्ञान व विद्या कर मूल स्रोत: कालेंद्रानंद

मां सरस्वती ज्ञान व विद्या कर मूल स्रोत: कालेंद्रानंद
  • सहारनपुर में सरस्वती पूजा करते श्रद्धालु।

सहारनपुर [24CN] । स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि मां सरस्वती श्रृष्टि ज्ञान व विद्या का मूल स्रोत है। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज आज यहां राधा विहार स्थित मां शक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में बसंत पंचमी के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस समय प्रकृति बसंती आवरण को पीत भाव में धारण करती है एवं नवरस का सृजन करती है, वही सृजन मूल ज्ञान अर्थात् सरस्वती का भाव कहलाती है। जो सम्पूर्ण सृष्टि का ज्ञानरस को धारण कर जन-जन का कल्याण करती है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीव के कंठ में ब्रह्मनाथ का वास है जो मां सरस्वती का निराकार रूप है जिसे हम वाणी कहते हैं। सरस्वती मां की कृपा से जीव ज्ञान सागर की पवित्र धारा में आनंदित होता है। उन्होंने कहा कि मां के मोक्ष का पुण्य भाग्य बनता है। इस अवसर पर पं. अरूण स्वामी, मेहरचंद जैन, नरेश चंदेल, घनश्याम रोहिला, अश्विनी काम्बोज, राजेंद्र, प्रभा, गीता, कविता, बबीता, राजबाला, मायादेवी, सविता, सुचेता, उमा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

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