बड़ी लापरवाही: एमए पास मैनेजर ने कर डाला गर्भवती महिला का ऑपरेशन, ये है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में एक चौंका देने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां जनपद के एक निजी अस्पताल में अर्थशास्त्र से एमए पास मैनेजर ने एक गर्भवती महिला का दो बार ऑपरेशन कर डाला। महिला के पति ने डीएम से शिकायत की थी। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने मामले की जांच कराई। जांच के बाद अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया और कोतवाली पुलिस को अस्पताल बंद कराने के निर्देश दिए गए।

सीएमओ के मुताबिक सिलाना गांव के अरुण ने मेट्रो हॉस्पिटल में अपनी पत्नी डोली का ऑपरेशन कराया था। इस दौरान उसकी पत्नी की हालत बिगड़ गई थी। उसे चंडीगढ़ में भर्ती कराया था, जहां उसकी बमुश्किल जान बच सकी थी। अरुण ने डीएम शकुंतला गौतम से शिकायत की। डीएम के निर्देश पर सीएमओ डॉ. आरके टंडन ने जांच कराई। एसीएमओ डॉ. दीपा सिंह के नेतृत्व में टीम ने मेट्रो हॉस्पिटल पहुंचकर जांच की। जांच में पता चला कि डोली को जून माह में बड़ौत स्थित मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया था। ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म दिया। बाद में दोबारा महिला डोली का ऑपरेशन किया गया। स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की गई थी कि ऑपरेशन किसी चिकित्सक ने नहीं किया था, बल्कि अस्पताल के मैनेजर विपिन चौहान ने किया था। विपिन चौहान एमए अर्थशास्त्र से है। जबकि अस्पताल बिजनौर में रह रहे चिकित्सक डॉ. बजेंद्र बालियान व उनकी पत्नी विनीता के नाम से पंजीकृत था, दोनों चिकित्सक यहां पर उपचार नहीं करते। एसीएमओ डा. दीपा सिंह की रिपोर्ट के बाद सीएमओ ने अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया और कोतवाली पुलिस को अस्पताल बंद कराने के निर्देश दिए थे।
अस्पताल के खिलाफ रची गई साजिश

मेट्रो अस्पताल के मैनेजर विपिन चौहान ने साजिश के तहत अस्पताल को बंद कराने का आरोप लगाया। आरोप लगाया कि सीएमओ कार्यालय पर तैनात एक कर्मचारी के इशारे पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए यह कार्रवाई की गई है। बताया कि न्याय के लिए डीएम व सीएमओ से भी मिले। गलत तरीके से अस्पताल का पंजीकरण निरस्त किया गया है। आवश्यकता पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। सभी आरोप निराधार हैं।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने रविवार को मेट्रो अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर को बंद करा दिया। लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है। इलाज कराने आए मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बजाए पुलिस ने अस्पताल से बाहर निकाल दिया। लॉकडाउन में अधिकतर अस्पताल बंद थे, जिस कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। मरीजों का कहना था कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को पहले उनके उपचार का प्रबंध करना चाहिए था।

बड़ौत कोतवाली पुलिस दिल्ली-सहारनपुर हाइवे स्थित मेट्रो अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर पहुंची। सीएमओ डॉ. आरके टंडन के आदेश का हवाला देते हुए अस्पताल प्रबंधन को बताया कि उनके यहां खामियां मिली है। अस्पताल को बंद करने के लिए लिखा गया है। इस दौरान अस्पताल में तकरीबन 10 से 15 मरीजों को बाहर निकाला गया। यहां पर तीन मरीज भर्ती भी थे, जिनकी बाद में छुट्टी की गई। मरीजों का कहना था कि पहले उनके उपचार का दूसरी जगह प्रबंध होना चाहिए था। लॉकडाउन में अधिकतर अस्पताल बंद थे, जिस कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी।

चल रही जांच, सख्त होगी कार्रवाई
मरीज की शिकायत के आधार पर जांच कराई गई थी। टीम को अनियमिताएं मिली, इसी आधार पर बड़ौत के मेट्रो अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। पुलिस की मदद से अस्पताल बंद करा दिया गया है। – डॉ आरके टंडन, सीएमओ।