धर्म की पुनस्र्थापना के लिए अवतरित होते हैं प्रभु

- सहारनपुर में राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं का दुग्धाभिषेक करते श्रद्धालु।
सहारनपुर [24CN] । स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि धर्म की पुनस्र्थापना के लिए प्रभु अवतरित होते हैं। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राधा कृष्ण लड्डू गोपाल के महाभिषेक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, रूप धारण कर भादो अष्टमी को बाल रूप धारण कर देवकी-वासुदेव के यहां मथुरा कारागार में प्रकट होकर गोकुल वृंदावन द्वारिका में साम, दाम, दंड, भेद नीति से भक्ति ज्ञान कर्म योग एवं प्रेम योग के आधार पर मानवता का सर्वोच्च भाव स्थापित करते हैं। उन्होंने कहा कि मथुरा जन्मभूमि गोकुल, वृंदावन प्रेमभूमि व द्वारिका कर्मभूमि एवं कुरूक्षेत्र ज्ञान क्षेत्र चरितार्थ कर मनुष्य को कर्मयोगी का सिद्धांत दिया। इस दौरान अरूण स्वामी, नरेश चंदेल, मेहर चंद जैन, रमेश शर्मा, उमा, विभा, गीता, माया, सविता, बाला, कमलेश आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।