लॉकडाउन: 200 किमी पैदल चलकर आई गर्भवती की हालत बिगड़ी, परिजन बोले-सरकार को मजदूरों पर तरस खाना चाहिए

घर वापसी कर रहे प्रवासियों का सफर पहाड़ जैसा हो गया है। कहीं मदद के लिए हाथ बढ़ रहे हैं तो कहीं मानवीय संवेदनाएं तार-तार हैं। रेवाड़ी से हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर के लिए निकला मजदूर परिवार चार माह की गर्भवती महिला के साथ करीब दो सौ किमी पैदल चला। ईपीई पर दुहाई में पुलिस ने रोक दिया। मजदूर फिर जिले की ओर वापस हो गए। बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल पर महिला को गर्भपात हो गया। एंबुलेंस 108 सीएचसी बागपत लेकर पहुंची और भर्ती कराया गया।

गढ़ मुक्तेश्वर निवासी विजयपाल ने बताया कि वह हरियाणा के रेवाड़ी में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन बढ़ा तो पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए। बृहस्पतिवार को वह किसी तरह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे होते हुए दुहाई तक पहुंच गए थे। यहां पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद वह वापस बागपत की तरफ घूम गए। मवी कलां के पास उसकी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ गई। परिवार घबरा गया। एंबुलेंस को कॉल की गई, लेकिन अधिक पैदल चलने के कारण गर्भपात हो गया।

सूचना मिलते ही एंबुलेंस पहुंची और पीड़िता को सीएचसी बागपत लेकर पहुंची। पीड़िता को भर्ती कराया गया है। पीड़िता की भाभी रेखा का कहना है कि चार माह की गर्भवती का अधिक पैदल चलने के कारण गर्भपात हो गया है। उनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। सरकार को मजदूरों पर तरस खाना चाहिए।


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