LIVE Uttarakhand Glacier Burst: चमोली आपदा में लखीमपुर खीरी के इस युवक की हुई शिनाख्त, अब तक मिले चुके हैं 33 शव

देहरादून। चमोली जिले में आई आपदा के बाद तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की 2.5 किलोमीटर लंबी टनल में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। टीम सुरंग के अंदर पाइप और तारों के ढीले छोर को काटकर आगे बढ़ रही है। सुरंग प्राधिकारी भी सुरंग के अंदर मार्किंग करने में मदद कर रहे हैं। नौसेना के कमांडो भी मौके पर पहुंच गए हैं। आइटीबीपी के 450 जवान एनडीआरएफ की पांच टीमें, सेना की आठ टीम और वायु सेना के पांच हेलीकॉप्टर मोर्चे पर डटे हुए हैं। वहीं, आज प्रभावित क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन के बाद श्रीनगर से एक शव बरामद हुआ है।
LIVE UPDATES
- रुद्रप्रयाग में एक शव की शिनाख्त सूरज पुत्र बेचूलाल निवासी बाबूपुर, बेलराय, कोतवाली, तिकोनिया, तहसील निखासना जिला-लखीमपुर खीरी (उत्तरप्रदेश) के रूप में हुई है।
- रुद्रप्रयाग में सर्च एंड रेस्क्यू के दौरान अलकनंदा नदी में शिव नंदी के पास एक महिला का शव मिला है। एसडीआरएफ और डीडीआरएफ टीम द्वारा सर्च एंड रेस्क्यू किया गया है।
- चमोली में सात फरवरी को आई बाढ़ से विष्णुप्रयाग के गांव में मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
- जोशीमठ में सभी आइटीबीपी समेत एजेंसियों, सेना और स्थानीय प्रशासन ने बैठक की, जिसमें राहत और बचाव के कार्यों की समीक्षा की गई।
- आपदा के बाद से अलग-थलग पड़े गांवों में आइटीबीपी के जवान लगातार राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
- मलारी में चिनूक की हुई सफल लैंडिंग।
- रेस्क्यू टीम लगातार मलबा हटाकर टनल में फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, लेकिन मलबा ज्यादा होने के कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- 180 मीटर दूर टी-प्वाइंट पर फंसे व्यक्तियों को बचाने को अब वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि बचाव अभियान में अभी ज्यादा प्रगति नहीं मिली है। हमने 33 शव बरामद किए हैं, जिनमें से 9 की पहचान की गई है। वहीं, 24 अज्ञात हैं। बचाव दल ने दो उत्तराखंड पुलिस कर्मियों के शव भी बरामद किए हैं। लापता और मृत लोगों की सही संख्या की पुष्टि नहीं कर सकता, लेकिन यह 192 और 204 के बीच है।
टनल साइट पर फूटा पीड़ितों का आक्रोश
तीन दिन बीत जाने के बाद भी टनल में फंसे लोगों तक रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई है। इससे आपदा पीड़ितों के सब्र का बांध टूट गया और टनल साइट पर ही उनका आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने यहां एनटीपीसी और प्रदेश सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। टनल में हो रहे बचाव कार्य पर बिफरे पीड़ितों ने कहा कि एक दो डोजर मशीनें कब तक टनल का मलबा साफ करेंगी। इस दौरान उन्होंने वहां हंगामा भी काटा। उन्होंने मंत्री और नेताओं के टनल और आपदा साइट आने पर रोक लगाने की भी मांग की।
गौरतलब है कि सात फरवरी को रैणी गांव के समीप ग्लेशियर टूटने से आई आपदा कुल 204 लोग लापता हुए थे। इसमें से 33 लोगों के शव बरामद हुए है और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए है। अभी 171 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।