LIVE: केंद्र व किसान यूनियनों के बीच 11वें राउंड की वार्ता, कृृृृृषि कानूनों को रद करने की है किसानों की मांग

LIVE: केंद्र व किसान यूनियनों के बीच 11वें राउंड की वार्ता, कृृृृृषि कानूनों को रद करने की है किसानों की मांग

नई दिल्ली ।  केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 58 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार की 11वें दौर की वार्ता शुक्रवार को विज्ञान भवन में जारी है। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश और 41 किसान संगठन के प्रतिनिधि शामिल हैं।

कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान कमेटी बनाकर किसानों की आशंकाएं दूर करने का केंद्र की ओर से प्रस्ताव दिया गया था लेकिन किसानों ने इसे मंजूर करने से इनकार कर दिया।

26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली पर ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, ‘आउटर रिंग रोड पर किसानों का आना शुरू हो गया है और वे आएंगे। हम इस कार्यक्रम को नहीं बदल सकते। रैली होकर रहेगी।’ उन्होने कहा, ‘सरकार का रवैया थोड़ा और सकारात्मक होगा तो बेहतर हो सकता है। सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था उसमें पुराने प्रस्ताव से थोड़ा फर्क था इसीलिए वह प्रस्ताव हम आम सभा में ले गए थे। चर्चा के बाद उन लोगों ने उसे मानने से इनकार कर दिया।’

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव एसएस पंढेर (SS Pandher) ने कहा, ‘आज की मीटिंग में हम सरकार को प्रस्ताव को ठुकराने पर अपनी दलील के साथ जवाब देंगे। आज की चर्चा हमारी मांगों पर केंद्रित होगी। हम MSP पर चर्चा के साथ तीनों कानूनों को रद करने की अपील करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार की नीति जहर को मीठा में छिपा हमें जाल में फंसाने की थी। वो किसी भी तरह प्रदर्शन को रोकना चाहती है। हमारी मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि हम उनके प्रस्तावों को नहीं मानेंगे।’

अब तक 10 दौर की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला है। 10वें दौर की बातचीत में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को डेढ़ साल तक निलंबित रखने का प्रस्ताव दिया था जिसे गुरुवार को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया। 32 किसान संगठनों की बैठक में 17 ने इसके खिलाफ और 15 ने इसके समर्थन में वोट दिया। अब सारी नजरें आज की वार्ता पर टिकी हैं।

दूसरी ओर 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का फैसला किया है। इसके लिए गुरुवार को पुलिस और किसान के बीच दूसरे चरण की वार्ता बेनतीजा रही। अपनी मांगों के समर्थन में किसान संगठन के नेताओं ने पुलिस से रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मांगी है जिसे गणतंत्र दिवस की सुरक्षा और कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फैली महामारी के मद्देनजर पुलिस अधिकारियों ने मानने से इनकार कर दिया।