इससे पूर्व, आज दोपहर बाद मुख्तार अंसारी को सुपुर्दगी की प्रक्रिया के बाद उसे बांदा पुलिस के हवाले किया गया। मुख्तार अंसारी की गाड़ी को जेल के मुख्य गेट की बजाए गेट नंबर दो से निकाला गया। यूपी पुलिस की टीम मुख्तार को लेकर जेल परिसर से तेजी से निकल गई। मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस को सौंपने के लिए जेल में सुपुर्दगी की प्रकिया करीब दो घंटे चली। बताया जाता है कि यूपी पुलिस मुख्तार अंसारी को शंभू बार्डर के रास्ते से लेकर जाएगी।
इससे पहले पंजाब पुलिस यूपी पुलिस के वाहनों के फोटो लिए। इसके बाद यूपी पुलिस की टीम मुख्तार को लेकर बांदा रवाना हुई। मुृख्तार को यूपी पुलिस की गाडि़याें के लंबे काफिले के साथ एक एंबुलेंस में ले जाया जा रहा है। रूपनगर के एसएसपी डा. अखिल चौधरी ने जिला जेल के बाहर प्रबंधों का जायजा लिया, ताकि यूपी पुलिस के काफिले को कोई दिक्कत न हो।
इससे पहले दिन में करीब 12 बजे पहले यूपी पुलिस का वज्र वाहन जेल के अंदर गया और इसके बाद एंबुलेंस सहित कई गाडियां अंदर गईं। एंबुलेंस में कई डाॅक्टर भी तैनात हैं। जेल के बाहर बेरिकेटिंग कर दी गई है और मीडिया को जेल के गेट के पास जाने से रोक दिया गया। जेल के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था।
यहां से मुख्तार को यूपी की बांदा जेल ले जाया जाएगा। इससे पहले, बांदा पुलिस की टीम आज तड़के करीब चार बजकर 10 मिनट पर रूपनगर पहुंची। जिस एंबुलेंस में मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की बांदा जेल ले जाया जाएगा। इससे पहले यूपी पुलिस की टीम रोपड़ की पुलिस लाइन में पहुंची। जेल के आसपास मीडिया कर्मियाें का जमावड़ा लगा रहा। जेल के गेट के पास से मीडिया कर्मियों को हटा दिया गया तो कुछ टीवी चैनल के मीडिया कर्मी जेल के अंदर का दृश्य दिखाने के लिए आसपास के मकानों की छत पर चढ़ गए। पुलिस ने उनको वहां से भी हटाया।
रूपनगर जिला जेल के बाहर पुलिस की गतिविधियां सुबह से ही तेज हो गई थीं। जेल के बाहर सड़क पर बेरिकेट्स लगा दिए गए और पुलिस कक जवान मुस्तैद हो गए । उत्तर प्रदेश की बांदा पुलिस की गाडि़यां अलग-अलग रूपनगर पहुंचीं। पहली गाड़ी करीब तड़के चार बजकर 10 मिनट पर पहुंची। उसके बाद सुबह तक गाडियों के आने का सिलसिला जारी रहा।
गौरतलब है कि जनवरी, 2019 को मोहाली के एक बिल्डर की शिकायत पर पुलिस ने अंसारी के खिलाफ 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज किया था। मोहाली पुलिस मुख्तार अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर उत्तर प्रदेश से मोहाली लाई थी। उसे न्यायिक हिरासत में रोपड़ जेल भेज दिया गया था। तब से अंसारी रोपड़ जेल में ही है। दो साल में उत्तर प्रदेश की पुलिस कई बार पंजाब आई, लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। पंजाब पुलिस ने हमेशा अंसारी की खराब सेहत का हवाला देकर से उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने से इन्कार कर दिया।
बताया गया कि अंसारी को डिप्रेशन, शुगर, रीढ़ से संबंधित बीमारियां हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आर्डर पर उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि मुख्तार अंसारी पर विभिन्न मामलों में 15 केस दर्ज हैं। पंजाब में उसे जेल में सुविधाएं दी जा रही हैं। अंसारी को मोहाली कोर्ट में प्राइवेट एंबुलेंस में पेश करने पर भी काफी विवाद हुआ था। हालांकि, एडीजीपी जेल पीके सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि एंबुलेंस बुलेटप्रूफ नहीं है।
मुख्तार की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार
सुबह मुख्तार अंसारी की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार था। उत्तर प्रदेश पुलिस टीम के पहुंचने के बाद अब उसे सौंपने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले मुख्तार के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार किया गया। अंसारी का दो दिन पहले सैंपल लिया गया था। रूपनगर के एसएमओ पवन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम जेल में गई थी और कई लोगों के सैंपल लिए गए थे।
बुलेट प्रूफ नहीं है एंबुलेंस, रजिस्ट्रेशन से मिला चेसिस नंबर
उधर, रूपनगर-नंगल हाईवे पर रविवार रात नानक ढाबा के बाहर लावारिस मिली उत्तर प्रदेश नंबर की एंबुलेंस की सोमवार को पंजाब और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने संयुक्त रूप से जांच की। इस दौरान एंबुलेंस का चेसिस नंबर वही मिला जो वाहन रजिस्ट्रेशन में दर्ज है। रूपनगर के एसएसपी डा. अखिल चौधरी ने कहा कि एंबुलेंस जिला पुलिस की कस्टडी में है और जांच जारी है। जांच में यह बात सामने आई है कि एंबुलेंस बुलेटप्रूफ नहीं है और इसे माडीफाई नहीं करवाया गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने आशंका जताई थी कि जिस एंबुलेंस में मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया है उसे बदलकर किसी और एंबुलेंस को इस तरह ढाबे पर लावारिस छोड़कर मामले को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। यह एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश करने के बाद चर्चा में आई थी। श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर व डा. अलका राय, रफिकनगर, तहसील नवाबगंज, बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) के नाम पर यह एंबुलेंस रजिस्टर्ड है।
इसका चेसिस नंबर एमएटी460124डीयू01564 दर्ज है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से एंबुलेंस की जांच करने पहुंची टीम में शामिल सीओ नवी कुमार ने कहा कि बाराबंकी में इस मामले में केस दर्ज किया गया है। यह एंबुलेंस केस प्रापर्टी है और इसे उत्तर प्रदेश ले जाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। अभी जरूरी सबूत जुटाए जा रहे हैं।