Live Haryana Budget 2021: सीएम मनोहर थोड़ी देर में पेश करेंगे उम्मीदों का बजट, संकट में राहत की आस
चंडीगढ़ : हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहरलाल वित्त मंत्री के नाते आज भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का दूसरा बजट दोपहर 12 बजे पेश करेंगे। करीब दो माह की कसरत के बाद हरियाणा का बजट तैयार है। वित्त विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास है। । कोरोना काल में करीब 12 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान झेलने के बावजूद मुख्यमंत्री का यह बजट काफी उम्मीदों से भरा होगा। प्रदेश सरकार ने अपने खर्चों में कटौती कर राजस्व की इस कमी को पूरा करने में सफलता हासिल कर ली है। उम्मीद है कि मनोहर लाल के बजट में प्रदेश के पौने तीन करोड़ लोगों के बेहतरीन स्वास्थ्य की चिंता दिखाई देगी तो साथ ही किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य भी साफ नजर आएगा।
वित्त मंत्री के नाते आज गठबंधन सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे मनोहर लाल
पिछली बार उन्होंने एक लाख 43 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें प्रस्तावित घाटा 15 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। इस बार कोरोना काल के बावजूद हरियाणा का बजट डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंच जाने की उम्मीद है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की टीम की देखरेख में तैयार हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बजट में भाजपा के साथ-साथ उसकी सहयोगी पार्टी जजपा की घोषणाओं का क्रियान्वयन भी देखने को मिल सकता है। प्रदेश सरकार का फोकस इस बार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट बढ़ाने पर रहेगा।लागू
गरीबों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने की कई योजनाएं ला सकती है सरकार
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सरकारी कंपनियां) भी लाभ में पहुंच गई। करीब 32 हजार करोड़ रुपये के कर्ज वाली बिजली कंपनियों का 27 हजार करोड़ रुपये का कर्ज सरकार पहले ही अपने ऊपर ओट चुकी। लिहाजा बिजली कंपनियां भी हाल-फिलहाल 500 करोड़ रुपये से ऊपर के लाभ में चल रही हैं। प्रदेश सरकार की खेती के क्षेत्र में दी जाने वाली करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी घटकर अब पांच से साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये रह गई है। सौर ऊर्जा उपकरणों व ट्यूबवेल के इस्तेमाल से इस सब्सिडी की बचत हो पाई है।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी और माइक्रो इरीगेशन पर रहेगा जोर
हरियाणा सरकार के बजट में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें बागवानी की तरफ मोडऩे वाली आधा दर्जन परियोजनाओं की शुरुआत संभव है। यह भी उम्मीद है कि प्रदेश सरकार पानी की कमी महसूस करते हुए किसानों को माइक्रो इरीगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) परियोजनाओं की तरफ मोड़ेगी। इसके लिए सरकार अपने बजट में सब्सिडी का इंतजाम कर सकती है।
पिछले साल के बजट में सरकार का फोकस शिक्षा पर था, लेकिन इस बार के बजट में लोगों के स्वास्थ्य की चिंता टाप पर होना तय है। इसकी वजह भी है। कोरोना काल में हरियाणा ऐसा राज्य है, जिसने सीमित संसाधन होने के बावजूद कोरोना का बड़े ही सधे हुए ढंग से मुकाबला कर उसे काफी हद तक मात दे दी है। ऐसे में इस बार स्वास्थ्य के क्षेत्र का बजट 40 फीसदी तक बढ़ सकता है, जबकि शिक्षा, ङ्क्षसचाई और बागवानी परियोजनाएं भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहने वाली हैं।
इस तरह से टूगेगा गरीबी का कुचक्र
हरियाणा में 63 लाख परिवार रहते हैं। प्रदेश सरकार प्रत्येक परिवार का एक अलग पहचान पत्र बना रही है। इसका आधार कार्ड से कोई मतलब नहीं है, लेकिन यह परिवार पहचान पत्र आधार कार्ड से ङ्क्षलक होगा। परिवार पहचान पत्र में पूरे परिवार के बारे में हर वह जानकारी होगी, जो उन्हें लाभान्वित करने की मंशा से जरूरी है। अभी करीब 40 लाख परिवारों के पहचान पत्र बन चुके हैं।
31 मार्च तक सभी परिवारों के पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हालांकि इसके बाद भी पहचान पत्र बनते रहेंगे, लेकिन सरकार की योजना इन परिवार पहचान पत्रों के आधार पर प्रदेश के अति गरीब यानी एक लाख रुपये से कम आय वाले कम से कम एक लाख लोगों को चिन्हित कर सरकार उनकी आय में बढ़ोतरी करेगी। यह प्रक्रिया हर साल चलेगी। यानी हर साल एक लाख अति गरीब लोगों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने की ङ्क्षचता सरकार करने वाली है। ऐसे लोगों के लिए सरकार आधा दर्जन से एक दर्जन तक नई योजनाओं की झड़ी लगा सकती है।
अंत्योदय पर आधारित परियोजनाओं की झड़ी
वित्तमंत्री के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सांसदों, विधायकों और विभिन्न श्रेणी के लोगों के फीडबैक के आधार पर इस बार का बजट तैयार किया है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और उनकी टीम ने इसका खाका तैयार किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच अंत्योदय पर आधारित है, जो उनके बजट में साफ झलकेगी।
अंत्योदय का मतलब है कि समाज के सबसे आखिरी उस व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना, जो काफी गरीब है और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हासिल करने से वंचित है। प्रदेश सरकार के बजट में इस बार समाज के सबसे आखिरी व्यक्ति के कल्याण की योजनाओं पर फोकस रख सकता है। इस कड़ी में सरकार बुढ़ावा पेंशन में 200 से 250 रुपये वार्षिक की बढ़ोतरी की ऐलान कर सकती है। फिलहाल 2250 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है।
झलकेगा भाजपा-जजपा का न्यूनतम साझा कार्यक्र मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में भाजपा-जजपा गठबंधन के संयुक्त न्यूनतम साझा कार्यक्रम की झलक भी दिखाई देगी। दोनों दलों ने करीब साढ़े तीन सौ वादे प्रदेश की जनता के साथ कर रखे हैं। इनमें कई वादे ऐसे हैं, कामन (एक जैसे) हैं। इनमें से करीब एक दर्जन वादों को गठबंधन की सरकार पहले ही पूरा कर चुकी है। पिछले बजट में मुख्यमंत्री ने करीब 150 घोषणाएं ऐसी की थी, जो दोनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम से मेल खाती हैं। इस बार भी ऐसी घोषणाओं पर फोकस रहने वाला है। दोनों दलों ने प्रदेश की जनता से जो वादे किए हैैं, उन्हें पूरा करने की झलक इस बजट में दिखाई देगी। इनमें युवाओं का कौशल विकास और रोजगार भी बजट में अहम रहेगा।
वर्ष 2020-21 के बजट पर आंकड़ों में एक नजर
- कुल बजट 142343.78 करोड़
- कुल घाटा 15373.95 करोड़
- कुल कर्ज 198700 करोड़
- कुल खर्च 119751.97 करोड़
2020-21 के बजट में किस क्षेत्र को क्या मिला
विभाग का नाम – बजट राशि
- कृषि – 6481.48 करोड़
- सहकारिता – 1343.94 करोड़
- शिक्षा – 19439.18 करोड़
- तकनीकी शिक्षा – 705.04 करोड़
- कौशल विकास – 847.97 करोड़
- रोजगार – 416.02 करोड़
- खेल एवं युवा मामले – 394.09 करोड़
- स्वास्थ्य – 6533.75 करोड़
- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन – 1522.35 करोड़
- लोक निर्माण – 3541.32 करोड़
- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी – 3591.27 करोड
- सिंचाई एवं जल संसाधन – 4960.48 करोड
- बिजली – 7302.86 करोड़
- परिवहन – 2307.44 करोड़
- विकास एवं पंचायत – 6294.79 करोड
- शहरी स्थानीय निकाय विभाग – 4916.51 करोड़
- नगर तथा ग्राम आयोजना – 1561.80 करोड़
- सामाजिक न्याय अधिकारिता – 8770.18 करोड़
- अनुसूचित जाति पिछड़ा कल्याण – 519.34 करोड़