LIVE Farmers Protest Update: ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’ भाकियू नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर दिया नया नारा
नई दिल्ली । तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन के दौरान नया नारा दिया है- ‘कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अक्टूबर तक भी खत्म नहीं होगा। इस बीच मंगलवार को शिवसेना के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने यूपी गेट पहुंचकर राकेश टिकैत से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वह भीड़ ज्यादा होने के चलते मंच पर नहीं जा सके। इससे पहले पहुंचे कई नेताओं ने मंच साझा किया है और अपनी बात रखी है। वहीं, इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि अगर विपक्ष हमारा समर्थन करने के लिए आ रहा है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। अगर नेता आते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते। आंदोलन को किसानों द्वारा अवरुद्ध नहीं किया गया है, यह पुलिस बैरिकेडिंग के कारण है।
दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में इजाफा होने के चलते कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस की ओर से भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बीच समाजसेवा मेधा पाटकर भी यूपी गेट पर चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंच हैं। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर सीमाओं के आसपास और 26 जनवरी के बाद या बाद में कथित रूप से अवैध हिरासत में रखे गए किसानों सहित सभी लोगों को रिहा करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
LIVE Farmers Protest in Delhi News Update:
- पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। इसी के साथ यहां पर सीमेंट के बैरिकेड बनाए गए हैं। इतना ही नहीं, सड़कों पर कीलें लगाई गई हैं। जिससे अगर कोई किसान ट्रैक्टर के जरिये आगे बढ़े तो उसके टायर फट जाएं या फिर पंचर हो जाएं।
- सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मंगलवार को भी रूट डायवर्जन किया गया है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। दिल्ली यातायात पुलिस ने लोगों को वैकल्पिक मार्ग भी सुझाए हैं, जिससे यात्रा सुगम की जा सकती है। इसी के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर कटीले तारों के साथ नुकीली कीलें भी लगाई गई हैं, जिससे किसान प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके।
- फिरोजपुर से मुंबई जाने वाली पंजाब मेल सोमवार को दिल्ली नहीं पहुंची। इसे रेवाड़ी के रास्ते मुंबई के लिए रवाना किया गया। श्रीगंगानगर से पुरानी दिल्ली आने वाली ट्रेन को बहादुरगढ़ में रोक दिया गया। इसे लेकर योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि एक हजार से ज्यादा किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए पंजाब मेल के मार्ग में बदलाव कर दिया गया। यह ट्रेन रोहतक, दिल्ली शकूरबस्ती, किशनगंज, नई दिल्ली, फरीदाबाद, मथुरा के रास्ते मुंबई जाती है। इस संबंध में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि परिचालन संबंधित जरूरत की वजह से पंजाब मेल के मार्ग में बदलाव और एक अन्य ट्रेन को गंतव्य से पहले निरस्त कर दिया गया है।
- तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चला रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 68वें दिन में प्रवेश कर गया है। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा मंगवलार रात को 11 बजे तक बंद है। इस बीच पिछले एक सप्ताह से किसान आंदोलन का केंद्र बने यूपी बॉर्डर (गाजीपुर बॉर्डर) पर कड़ी सुरक्षा की गई है।
- वहीं, अगर कोई सिंघु बॉर्डर पर जा रहा है तो उसे अपने पास पहचान पत्र भी रखना होगा। इस तरह का आदेश जारी हुआ है और यह तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है।
- वहीं, इससे पहले सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर साजिश करके कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का दमन करने का आरोप लगाया है। आंदोलन स्थल की बिजली, पानी काटी जा रही है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं, शौचालयों की संख्या घटाई जा रही है। आवागमन के रास्ते बंद किए जा रहे हैं, इसलिए मोर्चा ने छह फरवरी को 12 से तीन बजे तक चक्का जाम का एलान किया है। इस दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे बंद रहेंगे। किसान नेताओं व मोर्चा के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया। कुंडली बार्डर पर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आयोजित की गई।
- बैठक के बाद आंदोलनकारियों के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, डा. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, प्रेम सिंह भंगू, परमेंद्र मान आदि ने कहा कि सरकार सड़कें खोदने के साथ गलियों के भी रास्ते बंद कर रही है। उन्होंने इसे सरकार की तानाशाही करार दिया। साथ ही आंदोलनकारियों के नेताओं ने स्पष्ट किया कि ऐसे माहौल में सरकार से बातचीत का कोई औचित्य नहीं बनता है।
- वहीं, आंदोलन में असामाजिक व बाहरी तत्वों की निगरानी के लिए औचक निरीक्षण की रणनीति तैयार की गई है। संदिग्ध लगने पर किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान स्पष्ट करने को कहा जा सकता है। ऐसे में उसको अपना पहचानपत्र दिखाना होगा। पहचानपत्र नहीं होने पर पुलिस की संतुष्टि होने तक व्यक्ति को हिरासत में रहना पड़ सकता है। नया आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।