LIVE Farmers Protest in Delhi: आज की वार्ता पर टिकीं उम्मीदें, दोपहर 12 बजे होगी सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक

LIVE Farmers Protest in Delhi: आज की वार्ता पर टिकीं उम्मीदें, दोपहर 12 बजे होगी सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक

नई दिल्ली । नए कृषि सुधार कानूनों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी की मांगों को लेकर दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों के साथ चौथे दौर की बैठक गुरुवार को है। अब सभी की उम्मीदें इस वार्ता पर टिक गई हैं। इसे लेकर किसान संगठनों और सरकार में बुधवार को दिनभर तैयारियों का दौर चलता रहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मंत्रियों के बीच मंत्रणा हुई। जबकि दिल्ली के सिंघु बार्डर पर किसान नेताओं के बीच दिनभर कई दौर की बैठकें हुईं, जिसमें सरकार के समक्ष उठाए जाने वाले मुद्दों पर मंथन किया गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘गुरुवार की बैठक में किसानों की चिंताओं पर चर्चा कर उनका समाधान किया जाएगा। सरकार इसके लिए तैयार है।

किसानों के साथ मंगलवार को हुई वार्ता में उठाए गए सवालों और गुरुवार को होने वाली चौथे दौर की बैठक की रणनीति पर विचार करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गृह मंत्री शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान कृषि कानूनों को खत्म करने जैसी किसानों की जिद पर चर्चा हुई। गुरुवार की बैठक में किसानों को मनाने और कानून की बारीकियों से उन्हें परिचित कराने का प्रयास किया जाएगा। माना जा रहा है कि किसानों के बड़े प्रतिनिधिमंडल की जगह सीमित संख्या में आने की बात को नकार देने जैसे मसले भी वार्ता की गंभीरता को प्रभावित करेंगे।

विज्ञान भवन में गुरुवार दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक में कुल 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले सकते हैं। तोमर ने कहा, ‘हम किसानों के साथ बैठक करेंगे जिसमें किसी हद तक समाधान हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ये कानून किसानों के हित में हैं। लेकिन कोई दिक्कत है तो हम उनकी चिंताओं पर चर्चा करने को तैयार हैं।

उधर, बार्डर पर डटे किसान संगठनों की कई बैठकें हुईं, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली वार्ता के एजेंडे पर कोई आम राय नहीं बन पाई। जबकि सरकार ने उन्हें बुधवार शाम तक अपनी आपत्तियों की सूची सौंप देने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। किसानों की संयुक्त बैठक में भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (भाकियू-टिकैत) के नेता राकेश टिकैत का संगठन भी शामिल हुआ। कृषि मंत्री की मंगलवार को भाकियू-टिकैत के नेताओं से अलग से मुलाकात हुई थी, जिसे लेकर माना जा रहा है कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों में मुद्दों को लेकर मतभेद है। लेकिन किसान संगठनों की बुधवार की बैठक में पंजाब के किसान संगठनों के साथ टिकैत ने भी हिस्सा लिया। टिकैत ने बताया कि बैठक में सभी किसान संगठनों के नेताओं से कहा गया कि जारी किए जाने वाले बयानों में एकरूपता होनी चाहिए। मसले एक जैसे होने चाहिए। सरकार को सौंपी जाने वाली सूची के बारे में टिकैत ने बताया, ‘एमएसपी की गारंटी और संसद के पिछले सत्र में पारित तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग पर वे अड़े रहेंगे।