लॉकडाउन में जिंदगी जारी: न दहेज, न बराती, सिर्फ दो घंटे में हुई शादी, लोग पेश कर रहे मिसाल
कुछ लोग सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का उल्लंघन कर अपने व दूसरों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं तो कुछ लोग मिसाल कायम कर रहे हैं। बिजनौर के गांव रशीदपुर गढ़ी निवासी अतुल चौधरी ने ऐसी ही मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने बेटे की शादी बिना बरात, बिना दहेज के कराई और भी सिर्फ दो ही घंटे में। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया।
भाकियू के मंडल महासचिव अतुल चौधरी के बेटे शिवम चौधरी की शादी चांदपुर के गांव महमूदपुर निवासी दीक्षा चौधरी से तय हुई थी। इस बीच कोरोना को हराने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। अतुल चौधरी ने बेटे की शादी की और वह भी सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पूरा पालन करते हुए। सोमवार को शिवम की बरात गई। बरात में शिवम, अतुल चौधरी व शिवम के दादा धर्मेंद्र सिंह ही गए। पंडित ने कुछ ही देर में मंत्रोच्चारण कराकर शिवम और दीक्षा के सात फेरे कराए। दो घंटे में शादी की सारी रस्में हो गईं और शिवम अपनी दुल्हन दीक्षा को अपनी जीवन साथी बनाकर अपने घर ले आया। भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह का कहना है कि लॉकडाउन का ध्यान रखना चाहिए।
बरात में सिर्फ मां को लेकर गया दूल्हा
लॉकडाउन होने के कारण गांव चाउवाला निवासी दूल्हा सिर्फ अपनी मां को साथ ले जाकर शादी कर दुल्हन को लेकर आया।
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अफजलगढ़ में गांव चाउवाला निवासी रंजीत कुमार की बरात नगर के मोहल्ला किला टीचर्स कॉलोनी में आनी थी किंतु कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के कारण दो व्यक्ति ही आकर दुल्हन को ब्याह कर ले गए। रंजीत के पिता न होने व अकेला पुत्र होने के कारण उसकी मां सुरेंद्र कौर का अरमान अपने पुत्र की शादी धूमधाम से करने का था। लेकिन माहौल व मौके की नजाकत को देखते हुए मां व बेटा बरात लेकर आए और दो घंटे में साधारण रूप से शादी की रस्में पूरी कर दुल्हन को विदा कराकर अपने साथ ले गए। रंजीत ने बताया कि उन्होंने मास्क लगाया एवं सोशल डिस्टेंस का पूर्ण रूप से पालन किया।