जिंदगी तमाशा बनी, मौत को न बनाना, सुसाइड नोट के अंत में शिक्षिका ने लिखा एटीएम पिन और लगा ली फांसी

जिंदगी तमाशा बनी, मौत को न बनाना, सुसाइड नोट के अंत में शिक्षिका ने लिखा एटीएम पिन और लगा ली फांसी

मेरी जिंदगी तमाशा बन गई, लेकिन मौत का तमाशा मत बनाना। सुसाइड नोट में यह लाइन लिखकर भावनपुर क्षेत्र की कोरल स्प्रिंग कॉलोनी में रहने वाली एक प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह पिछले एक साल से अपने पति से अलग रह रही थी और कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है जिस कारण वह अवसाद में चल रही थी।

जानकारी के मुताबिक देहरादून निवासी प्रीति बाला कोरल स्प्रिंग कॉलोनी में किराए के मकान में रहती थीं। वह किला परीक्षितगढ़ स्थित प्राइमरी स्कूल रजपुरा में शिक्षिका थीं। प्रीति के घर के पास ही स्कूल के एक अन्य शिक्षक अशोक भी रहते हैं। अशोक ने बताया कि प्रीति पिछले दो दिन से स्कूल नहीं आई थीं। शनिवार को वह एक अन्य पड़ोसी प्रवीन राणा के साथ प्रीति के घर पहुंचे।

काफी देर बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो शक होने पर उन्होंने जाली को तोड़कर दरवाजा खोला। जहां पंखे पर प्रीति का शव लटका था। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक प्रीति के पर्स से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। उसके के परिजनों को सूचना दे दी है। प्रीति के परिजनों की सहमति पर शव ससुराल पक्ष को सुपुर्द कर दिया है।

चल रहा था तलाक का केस
प्रीति के ससुर सुमेर सिंह निवासी शास्त्रीनगर ने बताया कि वर्ष 2006 में उनके बेटे नीरज की शादी प्रीति के साथ हुई थी। उनकी आठ वर्षीय बेटी है जो देहरादून में प्रीति के परिजनों के साथ ही रहती है। पति से विवाद के बाद वर्ष 2018 में वह घर छोड़कर चली गई थी। दोनों के तलाक का केस भी चल रहा है। बीती 11 दिसंबर को ही केस की पहली तारीख थी।

सुसाइड नोट में डेबिट कार्ड का पिन लिखा
पुलिस के मुताबिक प्रीति के पर्स से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ है उसमें उसने अपनी मौत के लिए खुद को ही दोषी बताया है। अपने अंतिम संस्कार के लिए प्रीति ने सुसाइड नोट में अपने डेबिट कार्ड का पिन भी लिखा है।


विडियों समाचार