प्रसवपूर्व लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध- सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण

- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता ने कहा कि PCNDT Act 1994 (लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 ) के तहत प्रसवपूर्व लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध है। महिलाओं को यह तय करना होगा कि कन्या भू्रण हत्या में सहभागी न बने अपनी सोच बदले ताकि लिंगानुपात 1000-898 बालिका से बढकर पुरूषों के बराबर हो जाये।
सहारनपुर [24CN] । जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री सर्वेश कुमार के निर्देशन में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सुमिता द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय बादशाहपुर ब्लाक बलियाखेडी में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिये जागरूकता कैम्प का आयोजन माननीय किया गया । कार्यक्रम का शुभारभ्भ दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती गीत से प्रारभ्भ किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सुमिता ने कन्या भ्रूण हत्या के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि हर बालिका को जन्म लेने का मौलिक अधिकार है उसे जन्म से पूर्व गर्भ में ही न मारें। साथ ही भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 312 यह कहती है कि जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी महिला का गर्भपात करता है जब तक कि कोई इसे सदिच्छा से नही करता है और गर्भावस्था का जारी रहना महिला के जीवन के लिये खतरनाक हो उसे सात साल की कैद की सजा दी जायेगी। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार यह कहता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अन्र्तगत देश के प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार है,जीने के अधिकार में स्वास्थ्य का अधिकार वर्णित हैं।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने शिक्षा के अधिकार के विषय में बताया कि 6 से 14 साल की उम्र के हरेक बच्चो को मुफत और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। प्रत्येक बालिका को उसके माता- पिता स्कूल अवश्य भेजंे, स्कूल भेजने में गरीबी कही बाधक नही है। चाइल्ड लेबर एक्ट की जानकारी देते हुए कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी कराना या काम करवाना जिसके बदले उसे पैसा दिया जाता है बाल मजदूरी के श्रेणी में आता है जो एक दण्डणीय अपराध है। पोक्सो एक्ट के तहत बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म की घटनाओं को दण्डणीय बताया गया है। माताए अपनी बच्चियों के साथ हो रहे दुव्र्यवहार की घटनाओं को समाज के डर से छुपायें नही। वरन उसकी एफआईआर या शिकायत करे। थाने से यदि उन्हे कोई रिलीफ न मिले तो कोर्ट में अपनी अर्जी दे सकते है।
श्रीमती सुमिता ने कहा कि यदि मुकदमें लडनें में निःशुल्क वकील की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के टोल फ्री नं0 0132-2711441 या मोबाईल नं0 9897276840 पर जानकारी कर सकते है तथा dlsa.saharanpur@gmail.com पर आवेदन भेज सकते है या स्वयं भी मिल सकते है। उन्होने कहा कि वर्तमान दौर में जरूरत है कि अपनी आवाज उठायें अब नही तो कब। महिलाओं और बच्चिायों की स्थिति में सुधार तभी होगा जब स्वयं महिला अपने को सशक्त बनाने की सोचेगी।
कार्यक्रम में जिला समन्वयक बेसिक शिक्षा विभाग श्री अतुल कुमार ने मिड डे मिल एवं बच्चों के लिये सरकार द्वारा दी जा रही निःशुल्क योजनाओं पर प्रकाश डाला। नायब तहसीलदार श्री राहूल सिहॅ ने कन्या सुगमला योजना, रानी लक्ष्मी बाई योजनाओं पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जानकारी भी दी गयी कहा गया कि सभी बच्चे मास्क का प्रयोग करे 2 गज की दूरी रखें तथा समय समय पर अपने हाथों को साबून से साफ करें तथा खाॅसी जुकाम के लक्षण होने पर डाक्टर को अवश्य दिखायें।
इस अवसर पर उषा देवी, सविता शर्मा, अर्चना कुमार, रफत जहाॅ, अंजली गुप्ता, पूजा यादव अनिल कुमार, स्वीटी बन्सल उपस्थित रहे।